डकरा.
केडीएच परियोजना के कांटा घर पर सीआइएसएफ जवानों द्वारा 26 दिसंबर को पकड़ा गया रिमोट प्रकरण से जुड़ा एक पत्र इन दिनों चर्चा में है. यह पत्र माप-तौल विभाग की इंस्पेक्टर संगीता बाड़ा ने सीसीएल को लिखा है, जिसमें उन्होंने 27 दिसंबर को रोहिणी और चूरी कांटा घर के डिजिटाइजर में चिप मिलने की घटना को दिखावा बताया है. उनके अनुसार अधिकारियों को यह पहले से पता था कि दोनों कांटा घर के डिजिटाइजर में चिप लगा हुआ है. यही वजह है कि केडीएच कांटा घर की जांच का आदेश लेकर रोहिणी और चूरी कांटाघर को खोल दिया गया, जबकि रिमोट केडीएच कांटा घर से बरामद हुआ था. यही नहीं उस समय कांटा घर का एनुअल मेंटेनेंस का काम कर रहे मेसर्स बैद्यनाथ कंपनी द्वारा आधे से कम रेट में मेंटेनेंस का काम करने को लेकर भी सवाल खड़े किये हैं. इस पत्र के बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कांटा घर का ईएंडएम विभाग द्वारा देख-रेख किया जाता है. स्क्रैप के काम को स्टोर के अधिकारी देखते हैं और घटना के समय पदस्थापित लगभग सभी अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. वर्तमान में पदस्थापित अधिकारी से बात करने पर रटा-रटाया जवाब मिलता है कि मेरे रिजन में कुछ नहीं हुआ है.एनुअल मेंटेनेंस का काम 57 हजार में कर रही थी वैद्यनाथ कंपनी
वर्ष 2022 में वैद्यनाथ कंपनी जो काम 1 लाख 5 हजार 999 रुपए में कर रही थी और वही काम 2025 में 1 लाख 13 हजार 559 रुपए में एमएस बाॅस स्केल कंपनी कर रही है. इसी काम को वैद्यनाथ कंपनी वर्ष 2024 में 57 हजार 999 रुपए में कर रही थी. कांटाघर के एनुअल मेंटेनेंस का काम बहुत कम रेट में लेकर कंपनी उसमें होने वाले वजन को अपने तरीके से संचालित कर रही थी, जिसे सीआइएसएफ जवानों ने पकड़ कर खुलासा भी किया था, बावजूद जांच के बजाये हर जगह बचाव की रणनीति पर प्रबंधन काम कर रही है.कार्रवाई की बात अधिकारी नहीं बता रहे हैं
घटना के समय से ही ईएंडएम विभाग और कांटा घर के काम को देख रहे अधिकारी राहुल कुमार से जब पूछा गया कि वैद्यनाथ कंपनी पर क्या कार्रवाई हुई है, तो उन्होंने कहा कि माप-तौल विभाग द्वारा उसके विरुद्ध कोर्ट में केस किया है. घटना के बाद कंपनी के काम की अवधि पूरी हो गयी थी. उसका पेमेंट अपडेट है या सीसीएल ने कुछ रोका है, यह भी नहीं बताया जा रहा है.
कितना ट्रक स्क्रैप निकला कोई नहीं बता रहा है
जून 2024 से अभी तक विभिन्न कंपनियों ने मिल कर कितना ट्रक स्क्रैप निकाला है, यह भी कोई नहीं बता रहा है. मैटेरियल मैनेजर प्रियरंजन कुमार (अब तबादला हो गया है ) एनके एरिया में आने से पहले दूसरे एरिया में स्क्रैप उठाव करा कर आये थे. यह संयोग ही है कि वह जिस एरिया से आये थे, वैद्यनाथ कंपनी के मालिक और स्क्रैप व्यवसायी भी उसी आसपास के क्षेत्र से हैं. रिमोट प्रकरण सामने आने के बाद प्रियरंजन कुमार से जब ट्रक की संख्या पूछी गयी तो वे भड़क गये थे. यह आंकड़ा सीआइएसएफ और सीसीएल सुरक्षा विभाग के लोग भी नहीं बताया है. ज्ञात हो कि कितना क्वांटिटी में स्क्रैप उठना है यह तय है और इसके लिए कितने ट्रक की आवश्यकता है, यह आंकड़ा से स्पष्ट हो सकता है लेकिन संबंधित अधिकारी यह बताने से बच रहे हैं.दर्ज केस पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
17 जून को वर्कशॉप से हुई आर्मेचर चोरी की घटना खलारी थाना में दर्ज है, 14 दिसंबर को रोहिणी वर्कशाॅप से स्क्रैप उठाव के आड़ में जब कीमती पार्ट्स लोड करने के मामले को सीआइएसएफ ने पकड़ा था, तब काफी नाटकीय घटनाक्रम के बीच सीसीएल सुरक्षा विभाग ने मैक्लुस्कीगंज थाना में मामला दर्ज कराया. 26 दिसंबर को केडीएच में रिमोट मिलने की घटना को लेकर सीआइएसएफ ने खलारी थाना में मामला दर्ज कराया, लेकिन दोनों मामले में कुछ नहीं हुआ. आज तक डिजिटाइजर की जांच रिपोर्ट नहीं आयी है. सीआइएसएफ ने जिन तीन लोगों की तस्वीर सहित पुलिस को सूचना दी थी, वही लोग अभी भी स्क्रैप उठाव का काम कर रहे हैं. इसकी जानकारी भी पुलिस को दी गयी. सीआइएसएफ जवानों से पुलिस ने कभी भी कोई पूछताछ नहीं की. इस संबंध में पूछने पर इंस्पेक्टर जयदीप टोप्पो ने कहा कि मामले में उन लोगों की जमानत हो गयी होगी.
मामला काफी गंभीर है: कमलेश
सीसीएल सलाहकार समिति सदस्य कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि घटना को सलाहकार समिति से लेकर कई फोरम पर रखा गया है, लेकिन आश्वासन के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामला गंभीर है और संगठन आगे भी मुद्दे से हटनेवाली नहीं है.फोटो 13 डकरा 01 एक मई को प्रभात खबर में छपी खबर
पत्र में 27 दिसंबर को रोहिणी और चूरी कांटा घर के डिजिटाइजर में चिप मिलने की घटना को दिखावा बताया गया
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