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केंद्र का विनोबा विवि को अल्टीमेटम, 25% काम नहीं तो फंड वापस

केंद्र सरकार द्वारा विनोबा भावे विवि हजारीबाग में मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) की स्थापना के लिए दिये गये 100 करोड़ रुपये वापस ले लेने की चेतावनी दी गयी है.

रांची.केंद्र सरकार द्वारा विनोबा भावे विवि हजारीबाग में मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) की स्थापना के लिए दिये गये 100 करोड़ रुपये वापस ले लेने की चेतावनी दी गयी है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को जानकारी दी है कि अगर दिसंबर 2025 तक स्थापना से संबंधित 25 प्रतिशत कार्य पूरे नहीं होते हैं, तो केंद्र पूरी राशि वापस ले लेगा. केंद्र की इस चेतावनी से राज्य सरकार ने विनोबा भावे विवि को अवगत करा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी 2024 को दिल्ली से मेरू की स्थापना की घोषणा की थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने पीएम-उषा के तहत के तहत इसकी स्थापना के लिए 99.79 करोड़ रुपये निर्गत किये, लेकिन विवि द्वारा आरंभ में कार्य में शिथिलता बरती गयी. सरकार के जोर दिये जाने के बाद अगस्त 2025 में भूमि पूजन किया गया. वर्तमान में लगभग पांच प्रतिशत की कार्य पूरे हुए हैं. भवन निर्माण का कार्य झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड को करना है.

बिहार-झारखंड में यह प्रोजेक्ट सिर्फ विनोबा भावे विवि को मिला है

केंद्र ने पूरे देश में कुल 78 विवि में बिहार-झारखंड राज्य से यह प्रोजेक्ट सिर्फ विनोबा भावे विवि हजारीबाग को मिला है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में बहु विषयक शोध कार्य व शिक्षण के साथ इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए जी प्लस चार भवन का निर्माण किया जाना है. एडवांस रिसर्च एंड डेवलपमेंट सह इनक्यूबेशन सेंटर व फर्नीचर के लिए 54.30 करोड़ रुपये, इसके अलावा सेंटर फॉर एक्सलेंस सिक्यूरिटी, रिमोट सेसिंग एंड जीआइएस व सोशल साइंस एंड अप्लाइड साइंस के उपकरण के लिए 41.79 करोड़ रुपये, सॉफ्ट कंपोनेंट के लिए 3.47 करोड़ रुपये व अन्य कार्य के लिए राशि की आवंटित की गयी है.

क्या कहते हैं विवि के रजिस्ट्रार

विभावि के रजिस्ट्रार डॉ एस रज्जाक ने कहा कि पीएम-उषा के तहत लगभग एक करोड़ की राशि मिली है. जिसे आधारभूत संरचना एवं शैक्षणिक कार्यक्रम में विकास पर खर्च किया जाना है. परिसर में इनक्यूबेशन सह शोध केंद्र का भवन 54 करोड़ की राशि से बनाया जा रहा है. इसका कार्य दो माह पूर्व शुरू हुआ है. भवन का कार्य अगले वर्ष पूरा हो जायेगा. योजना के तहत शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए आइएसएम धनबाद से एमओयू भी कर लिया गया है.

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