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सीडीसी कंपनी को बनाना था रांची को मॉडल, पर शहर बन गया कूड़े का ढेर, जानें क्या है मामला

स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार रांची का प्रदर्शन काफी खराब रहा. पिछले वर्ष स्वच्छ शहरों की सूची में रांची 30वें स्थान पर थी. इस बार रांची खिसक कर 38वें स्थान पर पहुंच गयी है.

रांची : स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार रांची का प्रदर्शन काफी खराब रहा. पिछले वर्ष स्वच्छ शहरों की सूची में रांची 30वें स्थान पर थी. इस बार रांची खिसक कर 38वें स्थान पर पहुंच गयी है. इसके लिए सीडीसी कंपनी को पूरी तरह जिम्मेदार माना जा रहा है. क्योंकि, इसी कंपनी पर शहर के 2.25 लाख घरों से डोर टू डोर कूड़े का उठाव करने की जिम्मेदारी है, लेकिन कंपनी की लापरवाही के कारण शहर के आधे घरों से भी प्रतिदिन कूड़े का उठाव नहीं हो रहा है.

कंपनी को एक साल पहले ही शहर के सभी घरों के बीच डस्टबीन का वितरण कर अलग-अलग सूखा व गीला कचरा लेना था, लेकिन कंपनी की ओर से अब तक डस्टबीन का वितरण नहीं किया गया है. इसके अलावा झिरी में कचरे का निस्तारण करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट भी नहीं लगाया गया है.

सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सर्टिफिकेशन में सबसे कम नंबर : स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 कुल 6000 अंकों का था. इसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर सबसे अधिक 2400 नंबर मिलने थे. लेकिन, रांची को सिर्फ 1660 नंबर मिले. वहीं, सर्टिफिकेशन के लिए 1800 में से सिर्फ 300 व सिटीजन फीडबैक में 1800 में से सिर्फ 1300 नंबर मिले. साफ-सफाई को लेकर रांची नगर निगम ने जो दावा किया था, केंद्रीय टीम ने जब उसकी पड़ताल की तो सारे दावे खोखले निकले.

सबसे अधिक नंबर झिरी में लगे कूड़ा के अंबार के कारण कटा. क्योंकि, निगम ने यह दावा किया था कि झिरी में वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है. इससे बायो गैस बनाकर वाहनों में इस्तेमाल किया जायेगा. लेकिन, विवादित जमीन होने के कारण इसमें भी विलंब हुआ. इससे भी रांची नगर निगम के नंबर कट गये.

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