-पीड़ितों की शिकायत पर सीआइडी साइबर क्राइम थाना में प्राथमिकी दर्ज, जांच शुरू -नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी पीड़ितों ने दर्ज करायी शिकायत रांची. राज्य में इन्वेस्टमेंट (निवेश) के नाम पर साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं. साइबर फ्राड का ताजा मामला धनबाद के एक व्यवसायी से 56.34 लाख और रांची की एक युवती से 13 लाख रुपये का सामने आया है. इस संबंध में पीड़ितों ने रांची स्थित सीआइडी के साइबर क्राइम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. धनबाद के व्यवसायी ने कहा है कि उन्हें एक नंबर से फोन कॉल आया. कॉल करने वाले ने कहा कि हमारी कंपनी अलग-अलग कंपनियों में ट्रेडिंग के माध्यम से पैसा इंवेस्ट कराती है. काफी कम समय में राशि पांच से दस गुणा हो जाती है. झांसे में आकर उनसे आठ मई 2025 से दो जून 2025 तक आरोपियों द्वारा अलग-अलग फोन नंबर से महाराष्ट्र की कई कंपनियों के नाम पर 56.36 लाख रुपये इंवेस्ट कराया गया. उन्होंने जब पैसा वापस करने की बात कही, तब आरोपियों ने उनके सामने शर्त रखा कि आप 57.38 लाख रुपये कमीशन के तौर पर पहले पेमेंट करें. इसके बाद आपके लाभ की राशि आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जायेगी, तब उन्हें साइबर फ्रॉड होने का पता चला. पार्ट टाइम जॉब के नाम पर रांची की युवती से हुआ फ्रॉड : रांची की एक युवती ने जॉब के लिए पहले से नौकरी डॉट कॉम पर अपना रिज्यूम डाला हुआ था. एक दिन ई-मेल पर उसे मैसेज आया. उसने मैसेज देखने के लिए एक लिंक पर क्लिक किया. इसके बाद वह वाट्सएप चैट से जुड़ गयी. उसने वाट्सएप में हाय लिखा. दूसरी ओर से उसे पार्ट टाइम जॉब के लिए मैसेज मिला. मैसेज देखकर उसे विश्वास हो गया कि यह सही मैसेज है. इसके बाद एक लड़की ने उससे संपर्क किया. छह अलग-अलग चीजों का मैसेज टेलीग्राम में भेज कर कहा कि इसको लाइक कर स्क्रीन शॉर्ट भेजिये. इसके बाद युवती से ऐसा किया. इसके बाद उसके खाते में 950 रुपये आये. इसके बाद उसे टेलीग्राम में बनाये गये ग्रुप से जोड़ा गया. यहां पर शर्त था एक हजार रुपये के निवेश का. युवती से एक हजार से निवेश करना शुरू किया. धीरे-धीरे उसे अलग-अलग टास्क ग्रुप लीडर की तरफ से मिलने लगा. वह काम करने लगी, फिर एक दिन उसके खाते में एक लाख रुपये आया. इससे उसका विश्वास बढ़ा कि घर में बैठे-बैठे पैसा कमाने का बढ़िया तरीका है. फिर उसने पहले के जॉब से बचाये हुए पैसे के अलावा अपनी मां से और फिर लोन लेकर उसने कुल साढ़े 11 लाख रुपये का निवेश किया. इसके बदले उसे लाभ के साथ ग्रुप में 13 लाख रुपये दिखाया गया. जब उसने उक्त पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए ग्रुप लीडर से कहा, तो उसने शर्त रखा कि पहले छह लाख रुपये का और निवेश करें, फिर एक साथ आपको 19 लाख रुपये वापस कर दिये जायेंगे. तब जाकर उसे अहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गयी है.
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