रांची. झारखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकार (झारेरा) न्यायालय द्वारा 11 बिल्डरों पर 5.50 लाख एवं एक बिल्डर पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है. वहीं 16 बिल्डरों के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है. यह जानकारी सोमवार को झारेरा के चेयरमैन बिरेंद्र भूषण ने दी. उन्होंने बताया कि झारेरा नियमावली 2017 के अनुसार निबंधित सभी परियोजनाओं की त्रैमासिक रिपोर्ट बिल्डरों द्वारा झारेरा की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है. लेकिन कई बिल्डरों द्वारा त्रैमासिक रिपोर्ट जमा नहीं करने के कारण झारेरा के न्यायालय में मामला लंबित है.
झारेरा की ओर से जुर्माना लगाया गया
इसी कड़ी में झारेरा न्यायालय द्वारा 11 बिल्डरों के खिलाफ 25 हजार रुपये प्रति क्वार्टर की दर दो क्वार्टर का एवं एक बिल्डर पर एक क्वार्टर का जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में प्रति क्वार्टर खर्च की राशि भी बढ़ायी जायेगी. जो प्रोजेक्ट के कुल खर्च का पांच प्रतिशत तक हो सकता है. उन्होंने बताया कि देशभर में पहली बार झारेरा ने कांटाटोली के एक बिल्डर रिबायन इंपैक्स को ब्लैक लिस्ट किया था. झारेरा की तर्ज पर अन्य राज्य भी इसका अनुकरण करने लगे हैं.
600 परियोजनाओं को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिला
अध्यक्ष ने बताया कि नगर निगम द्वारा भवनों को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट द्वारा दिया जाता है. राज्यभर में 600 भवनों को परियोजना पूरी होने के बावजूद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिला है.
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