रांची. बीआइटी मेसरा संस्थान परिसर में आये दिन चोरी की घटनाएं हो रही हैं. हमारे विद्यार्थी भी सुरक्षित नहीं हैं. यहां पूरे देश भर से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. कुछ दिनों से परिसर में चोरी की घटनाएं बढ़ गयी हैं. पूरब व दक्षिण की तरफ रिंगरोड बन चुका है, जिससे कनेक्टिवीटी भी बढ़ गयी है. बच्चों को प्रोटेक्ट करना प्रबंधन की प्राथमिकता है. बीआइटी मेसरा के रजिस्ट्रार सुदीप दास ने रविवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि यह संस्थान 780 एकड़ में फैला हुआ है. कुछ ही एरिया में बाउंड्री है, शेष जमीन पर भी घेराबंदी शुरू कर दी गयी है. लेकिन, कुछ जगहों पर घेराबंदी का विरोध किया जा रहा है. क्योंकि संस्थान की रैकिंग सुधारने के लिए चहारदीवारी भी एक पार्ट है, जिसे पूरा करना जरूरी है, अन्यथा परेशानी होगी. श्री दास ने बताया कि 780 एकड़ जमीन के सभी दस्तावेज बीआइटी मेसरा प्रबंधन के पास हैं. इसकी जानकारी सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के पास है. सरकार और जिला प्रशासन को जमीन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये हैं. घेराबंदी के लिए जिला प्रशासन ने भी सहमति दे दी है. श्री दास ने बताया कि बीआइटी मेसरा की जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण भी कर रखा है, जिसकी जानकारी स्थानीय थाना को भी है. प्रेस वार्ता में प्रो मनीष कुमार, अर्चना मुखर्जी और डॉ कृति अभिषेक समेत संस्थान के कई पदाधिकारी मौजूद थे.चोरी की घटनाएं काफी बढ़ी हैं
बीआइटी मेसरा के सिक्यूरिटी इंचार्ज डॉ प्रियम कुमार ने बताया कि यहां चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. यही नहीं, चहारदीवारी नहीं होने की वजह से कई बार हमारे छात्र भी देर शाम संस्थान से बाहर निकल जाते हैं. कई बार सिक्यूरिटी से भी विद्यार्थियों की बहस हो जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

