राजेश वर्मा, नामकुम.
राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है. सरकार स्कूल के छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री, पोशाक, मिड डे मील के साथ-साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की नियमित उपस्थिति दर्ज हो, इसके लिए सरकार ने झारखंड साइकिल वितरण योजना के तहत आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए साइकिल दे रही है. योजना का स्लोगन उन्नति का पहिया रखा गया है. परंतु इसपर सरकारी व्यवस्था की जंग लग चुकी है. प्रखंड अंतर्गत बड़ाम में बने मॉडल स्कूल में छात्र-छात्राओं में वितरित किये जानेवाले सैकड़ों साइकिल रखे-रखे कबाड़ हो चुकी हैं. साइकिलों को खुले में रखे रहने की वजह से उनमें जंग खा रहे हैं. स्कूल के ज्यादातर हिस्सों में साइकिलें रखी हैं. जिससे स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.न सुरक्षा व्यवस्था और न ही चहारदीवारी :
मॉडल स्कूल व सैकड़ों साइकिलें रखे होने के बावजूद अब तक स्कूल परिसर की चहारदीवारी नहीं की गयी है. स्कूल में सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं रहते हैं. पास में बने बड़ाम टीओपी के भरोसे साइकिलों व स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था है.2021 में हुई थी स्कूल की शुरुआत :
राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने आदर्श गांव के तौर पर बड़ाम गांव को गोद लिया था. उन्हीं ने मॉडल स्कूल समेत लीगल क्लिनिक व टीओपी का निर्माण कराया था. बरगावां स्थित प्रोजेक्ट स्कूल में संचालित मॉडल स्कूल को दिसंबर 2021 में बड़ाम में शिफ्ट किया गया था.वर्जन ::::::
स्कूल की प्राचार्या सुमन कुमार ने बताया कि विभाग के वरीय अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि बच्चों को हो रही परेशानी को देखते हुए वितरण किये जानेवाले साइकिल को दूसरी जगह रखा जाये. परंतु स्थिति जस की तस है. स्कूल में 400 साइकिलें रखी गयी थी. जिसमें कुछ बांटी गयी और शेष साइकिल डेढ़ वर्षों से खुले में ही पड़ी हैं.जंग लगी साइकिल का नहीं हो रहा वितरण :
मामले में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कल्पना तांती ने बताया कि जंग लग चुकी साइकिल पिछले सत्र की हैं, जिसका वितरण नहीं किया जा रहा है. बच्चों को नयी साइकिल दी जा रही है. पूर्व में हुई बैठक में कल्याण विभाग के प्रतिनिधि को पुरानी साइकिलों को हटाने के लिए कहा गया, परंतु अबतक उसका उठाव नहीं किया गया है. साइकिलों को मॉडल स्कूल की जगह अलग-अलग स्थानों पर रखकर वहां से वितरण करने के लिए भी कहा गया, जिससे बच्चों को सुविधा होगी. परंतु विभाग ने स्थान सुरक्षित होने की बात कहते हुए वहीं रखवाया है. प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को समस्या से अवगत कराया गया, परंतु अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं.उन्नति का पहिया पर सरकारी व्यवस्था का जंगB
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