रांची. अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन द्वारा अग्रसेन भवन में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को कथा वाचिका मां चैतन्य मीरा ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि श्राद्ध पक्ष में श्रीमद् भागवत या श्रीराम कथा का श्रवण करने से अत्यधिक लाभ होता है. इससे पितरों को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. उन्होंने कहा कि मनुष्य का मनुष्य से प्रेम और मनुष्य का जीवों से प्रेम ही भागवत का संदेश है. श्रीमद् भागवत में जीवन का सार छिपा है और यही हमें श्रीकृष्ण से जोड़ती है. कई संत तो केवल भागवत को ही अपना आराध्य मानते हैं. कथा के दौरान देश के नेचुरोपैथी आयुर्वेद हॉस्पिटल और रिट्रीट सेंटर की जानकारी भी दी गयी. यहां बिना दवाइयों के मसाज थेरेपी, हाइड्रोथेरेपी, मडथेरेपी, ओजोन थेरेपी, योग, फिजियोथेरेपी, एक्यूप्रेशर, डाइट थेरेपी, स्टीम और जकूजी जैसी पद्धतियों से अनुभवी डॉक्टर और उनकी टीम इलाज करते हैं. कार्यक्रम में मंच की रांची शाखा की ओर से ‘राधा रानी शिक्षा कोष’ की शुरुआत की गयी. कथा के दौरान झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, महामंत्री विनोद कुमार जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित कुमार पोद्दार, सुनयना लॉयलका, लालचंद बघगड़िया, रमाशंकर बघगड़िया व अन्य को व्यास पीठ से सम्मानित किया गया.
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