रांची.
आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के लंबित भुगतान पर सहमति बन गयी है. झारखंड स्टेट आरोग्य समिति और एनएचए के बीच समन्वय के बाद मामला सुलझ गया है. अगले कुछ दिनों में 111 अस्पतालों का बकाया भुगतान कर दिया जायेगा. शुक्रवार को विकास आयुक्त अविनाश कुमार की अध्यक्षता में हुई शासी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने को लेकर कई अहम फैसले लिये गये.212 अस्पतालों का भुगतान लंबित था
बैठक में बताया गया कि 212 अस्पतालों का भुगतान लंबित था. इनमें से 111 अस्पतालों का बिल पिछले एक साल से जांच प्रक्रिया के कारण रोका गया था. जांच में जिन अस्पतालों में कोई त्रुटि नहीं मिली, उनके भुगतान को मंजूरी दे दी गयी. वहीं, जिनमें त्रुटि पायी गयी है, उनकी पुनः समीक्षा होगी.
नये पद सृजन पर भी सहमति बनी
बैठक में योजना के विस्तार और नयी योजनाओं के संचालन के लिए नये पद सृजन पर भी सहमति बनी. परिषद ने सड़क दुर्घटना में त्वरित चिकित्सा सुविधा (वय वंदना योजना) और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए ‘स्माइल योजना’ पर भी चर्चा की.गैर सूचीबद्ध मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में इलाज पर विचार
गैर सूचीबद्ध मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में इलाज की सुविधा पर भी विचार किया गया. तय किया गया कि ऐसे अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को कॉरपस फंड से भुगतान की व्यवस्था होगी और सीजीएचएस दर पर प्रतिपूर्ति दी जायेगी. इसकी प्रक्रिया चल रही है. वर्तमान में राज्य में 565 अस्पताल योजना से जुड़े हैं. इनमें 240 सरकारी और 325 निजी अस्पताल शामिल हैं. करीब एक दर्जन अस्पताल निलंबित हैं.
कार्यकारी निदेशक ने कहा
कार्यकारी निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा ने बताया कि सभी जिलों से जांच रिपोर्ट प्राप्त कर ली गयी है और इसे संतोषजनक पाया गया है. अब लंबित भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. इससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी और अस्पतालों के सुचारू रूप से संचालन में मदद मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

