सतीश कुमार, रांची.
राज्य में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए अब थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी (टीपीआइए) की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसको लेकर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, रांची पश्चिम ने आधिकारिक रूप से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया है. चयनित एजेंसी जल जीवन मिशन के तहत संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं में सिविल, मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल कार्यों की गुणवत्ता की जांच करेगी.जारी आरएफपी के अनुसार, थर्ड पार्टी एजेंसी झारखंड के सभी जिलों को कवर करने वाले पांच सर्किल (फेज-1) में योजनाओं का निरीक्षण करेगी. परियोजना की अवधि 29 माह अथवा 31 मार्च 2028 (जो पहले हो) तक निर्धारित की गयी है. यह पहल सरकार द्वारा योजनाओं में पारदर्शिता, गुणवत्ता नियंत्रण और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में अहम मानी जा रही है. इसको लेकर 23 दिसंबर को एजेंसियों की प्री-बिड मीटिंग बुलायी गयी है. निविदा जमा करने की अंतिम तिथि छह जनवरी निर्धारित की गयी है. वहीं, सात जनवरी को निविदा खोली जायेगी. इच्छुक एजेंसियों के लिए आवेदन शुल्क 10 हजार रुपये (नॉन रिफंडेबल) और पांच लाख रुपये की बिड सिक्योरिटी निर्धारित की गयी है. एजेंसी का चयन न्यूनतम मूल्य वाली तकनीकी रूप से योग्य बोली के आधार पर किया जायेगा.एजेंसियों के लिए कई शर्तें निर्धारित की गयीं
एजेंसियों के लिए विभाग की ओर से कई शर्तें निर्धारित की गयी हैं. निविदा में भाग लेने वाली एजेंसी का पिछले पांच वर्षों से भारत में पंजीकृत व क्रियाशील होना अनिवार्य है. साथ ही आइएसओ 9001 प्रमाण, जलापूर्ति परियोजनाओं में कम से कम तीन समान कार्यों का अनुभव और न्यूनतम वार्षिक टर्नओवर की शर्तें भी तय की गयी हैं. संयुक्त उपक्रम और कंसोर्टियम को इस प्रक्रिया में अनुमति नहीं दी गयी है.लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में मिलेगी मदद
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, थर्ड पार्टी जांच से न केवल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर निगरानी मजबूत होगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को सुरक्षित और टिकाऊ पेयजल उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी. फिलहाल विभाग योग्य एजेंसियों की तलाश में जुटा है और समय पर चयन कर निरीक्षण कार्य शुरू करने की तैयारी कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

