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JMM को दोहरा झटका, पूर्व विधायक अमित महतो और उनकी पत्नी ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या रहे कारण

jharkhand news: रविवार को जेएमएम को एक साथ दो झटके लगे हैं. सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो और उनकी पत्नी सीमा देवी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. दोनों ने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को इस्तीफा संबंधी पत्र भेज दिया है.

Jharkhand news: झारखंड के दो JMM पूर्व विधायक अमित महतो और उनकी पत्नी सीमा देवी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. दोनों ने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. सिल्ली से पूर्व विधायक अमित महतो ने अब तक खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति परिभाषित नहीं किये जाने एवं भाषाई अतिक्रमण पर विराम नहीं लगाने से आहत होकर पार्टी से इस्तीफा दिया है. वर्ष 2014 में सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक बने थे, वहीं उनकी पत्नी सीमा देवी 2018 के उपचुनाव में विधायक बनी थी.

एक माह पूर्व दिया था अल्टीमेटम

सिल्ली से जेएमएम के पूर्व विधायक अमित महतो ने खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति समेत अन्य मांगों को लेकर गत 20 जनवरी, 2022 को सीएम हेमंत सोरेन को अल्टीमेटम दिया था. इस अल्टीमेटम के तहत ही कहा गया था कि अगर 20 फरवरी, 2022 तक उनकी मांग नहीं मानी गयी, तो वो पार्टी से इस्तीफा दे देंगे.

JPSC और JSSC पर भी लगाये थे गंभीर आरोप

पूर्व विधायक अमित महतो ने JPSC और JSSC को भी निशाने पर लिया था. पूर्व विधायक श्री महतो ने कहा था कि यह झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सबसे भ्रष्ट आयोग के रूप में शुमार है. इस आरोप के बाद विपक्ष ने जमकर हेमंत सरकार पर निशाना साधा था.

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पूर्व विधायक सीमा देवी ने भी दिया इस्तीफा

वहीं, पूर्व विधायक अमित महतो की पत्नी सह पूर्व विधायक सीमा देवी ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को इस्तीफा भेजा है. सीमा देवी वर्ष 2018 के उपचुनाव में सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक बने थे.

इस उद्देश्य से झामुमो से जुड़ा

केंद्रीय अध्यक्ष शिबे सोरेन को भेजे पत्र में सीमा देवी ने कहा कि झामुमो से जुड़ने का उद्देश्य झारखंड में सामाजिक रूप से बहिष्कृत और उपेक्षित झारखंडी जनजातीय समुदाय और मूलवासी समाज को उनके सामाजिक, शैक्षणिक, विकास को बढ़ावा देने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के साथ ही उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उन्नति के लिए संघर्ष करना था.

शराब बिक्री को लेकर राज्य सरकार पर निशाना

वहीं, राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गुरुजी सदैव शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं. शराबबंदी को लेकर जनजागरण करते रहे हैं. पर, वर्तमान की राज्य सरकार राजस्व के नाम पर शराब बेचने पर आमदा है, जो गुरुजी के आदर्शों के खिलाफ है.

Posted By: Samir Ranjan.

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