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पुलिस ने तुरंत दिखायी सक्रियता, धैर्य का परिचय दिया, नहीं हुई बड़ी घटना

रांची: एकरा मसजिद के पास दो गुटों के बीच मारपीट व तनाव की सूचना मिलते ही समाहरणालय में बैठे पुलिस अधिकारी तुरंत मेन रोड पहुंचे. डीसी मनोज कुमार, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी कौशल किशोर, एडीएम गिरिजा शंकर प्रसाद मेन रोड पहुंच गये थे. पुलिस और जिला प्रशासन के लोगों ने तत्काल कार्रवाई की. जवानों […]

रांची: एकरा मसजिद के पास दो गुटों के बीच मारपीट व तनाव की सूचना मिलते ही समाहरणालय में बैठे पुलिस अधिकारी तुरंत मेन रोड पहुंचे. डीसी मनोज कुमार, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी कौशल किशोर, एडीएम गिरिजा शंकर प्रसाद मेन रोड पहुंच गये थे. पुलिस और जिला प्रशासन के लोगों ने तत्काल कार्रवाई की. जवानों ने धैर्य का परिचय दिया, जिस कारण बड़ी घटना होने से बच गयी.

जब डीसी, एसएसपी और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, उस दौरान एक गुट के कई लोग हनुमान मंदिर के समीप खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे. वहीं, दूसरे गुट में शामिल अधिकांश लोग एकरा मसजिद और डेली मार्केट थाना के पास खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे. दोनों गुट के लोगों को आक्रोशित देख कर डीसी और एसएसपी ने दोनों पक्ष से बातचीत की. दोनों पक्ष की बात सुनने के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. हालांकि दूसरे गुट का आक्रोश पहले गुट के लोगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर बढ़ता गया. दोनों गुट एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करते रहे. डीसी और एसएसपी की सक्रियता के कारण पुलिस के जवानों ने दोनों गुट के लोगों को घेर लिया. इस वजह से दोनों गुट के बीच हिंसक झड़प की घटना नहीं हुई.

पुलिस के बीच में आने की वजह से डेली मार्केट के पास खड़े एक गुट के लोग उनसे भिड़ने लगे. वे पुलिस की बात सुनने को तैयार नहीं थी. तब माइक से यह एनाउंस किया गया कि यहां जमा भीड़ को अवैध घोषित किया जाता है. इसलिए लोग शांति से अपने घर चले जायें. इसके बावजूद आक्रोशित लोग हंगामा करते रहे. इसी बीच भीड़ में शामिल लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज किया. इस दौरान भी एसएसपी जवानों को यह समझाते रहे कि आप धैर्य से काम लीजिए. अनावश्यक रूप से किसी पर लाठीचार्ज न किया जाये. इस दौरान भीड़ रह-रह कर कई बार उग्र होती रही. पुलिस ज्यादा सख्ती से कार्रवाई करने के बजाय भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास करती रही.
लोगों काे हटने का अनाउंस कर रहे थे एसडीओ : एसडीओ भोर सिंह यादव भीड़ को नियंत्रित करने में सबसे ज्यादा सक्रिय थे. गाड़ी में बैठ कर अलबर्ट एक्का चौक से लेकर एकरा मसजिद तक भीड़ हटाने को लेकर एनाउंस कर रहे थे. वह बार-बार लोगों से घर जाने की अपील कर रहे थे. माइक से कह रहे थे कि बच्चे स्कूल से आ रहे हैं आपलोग घर चले जाइये, ताकि बच्चों के आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
घटना के बाद सुरक्षा-व्यवस्था में अतिरिक्त 500 फोर्स तैनात
रांची. मेन रोड एकरा मसजिद के समीप मंगलवार को दो पक्षों के बीच मारपीट के बाद करीब 500 अतिरिक्त पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी है. सिटी एसपी, डीएसपी और कुछ थाना प्रभारी इलाके में रात तक कैंप करते रहे. मेन रोड के विभिन्न गलियों और मुहल्ले में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गयी है. पुलिस लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रख रही है. सिटी एसपी ने बताया स्थिति पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में हैं. सुरक्षा के दृष्टिकोण से अतिरिक्त पुलिस की तैनाती की गयी है. जवानों की तैनाती अगले आदेश तक जारी रहेगी. कुछ संवेदनशील इलाके के थाना प्रभारी अपने-अपने इलाके में गश्ती कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामले में किसी को गिरफ्तार या पूछताछ के लिए हिरासत में नहीं लिया था. पुलिस घटना में शामिल लोगों की पहचान फोटो और वीडियो के आधार पर करने का प्रयास कर रही है.
शांति बहाल के लिए किया गया फ्लैग मार्च
रांची. मेन रोड एकरा मसजिद के समीप दो गुटों के बीच मंगलवार के दिन करीब 1: 30 बजे मारपीट की घटना के बाद करीब चार बजे स्थिति सामान्य हुई. घटना के बाद शांति बहाल करने के लिए जवानों और पुलिस अधिकारियों ने मेन रोड में फ्लैग मार्च किया. लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की. किसी अफवाह पर ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया गया. अब इस तरह की कोई दूसरी घटना न हो, इसे लेकर सभी डीएसपी और थाना प्रभारी को अपने-अपने इलाके में विशेष रूप से ध्यान रखने का निर्देश एसएसपी ने दिया है. सभी थाना प्रभारी और दूसरे पुलिस पदाधिकारियों को गश्ती करते रहने के लिए भी कहा गया है.
भगदड़ और पत्थरबाजी के दौरान लोगों ने दुकानों में छिप कर बचायी अपनी जान
एकरा मसजिद और हनुमान मंदिर के पास दो गुटों के बीच मंगलवार को हुई मारपीट की घटना के बाद मेन रोड में भगदड़ की स्थित उत्पन्न हो गयी. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. कुछ लोग सड़क के किनारे गाड़ियां छोड़ कर पैदल ही भाग निकले. घटना के दौरान जान बचाने के लिए कई लोग दुकान के अंदर घुस गये थे. इसके बाद घटना की गंभीरता को देखते हुए संचालक ने दुकान का शटर गिरा दिया, ताकि दुकान में घुस कर कोई तोड़-फोड़ न करे.

भगदड़ के दौरान कई लोगों ने दुकानों में घुस कर जान बचायी. भगदड़ के दौरान जिसे जहां जगह मिली, उसने वहीं छिप कर जान बचायी. मेन रोड स्थित एक डॉक्टर के क्लिनिक में कुछ मरीज दिखाने के लिए आये थे. सभी घटना के दौरान क्लिनिक का शटर बाहर से बंद कर अंदर ही छिपे रहे. दुकान, शॉपिंग मॉल और होटल की भी यही स्थिति रही. चार बजे जब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में आ गयी और वाहनों का आवागमन चालू हुआ, तब महिलाएं, युवतियां और युवक सहित बच्चे दुकान से बाहर निकले.

उनके चेहरे पर भय था. उन्होंने पुलिस से पूछा कि अब वे अपने घर जा सकते हैं. जब पुलिस ने आश्वस्त किया, तब वे अपने घर की ओर निकले. कुछ लोगों ने पुलिस को कोसते हुए यह भी कहा कि जिन्होंने मारपीट की, वे चले गये. वे घर में आराम कर रहे होंगे. उनकी वजह से आम लोगों की कितनी परेशानी हुई, लेकिन किसी की परेशानी से माहौल बिगाड़ने वालों को कोई लेना-देना नहीं है.
बंद होने लगी थीं मेन रोड, डोरंडा, कडरू, बहूबाजार की दुकानें
मेन रोड में दो गुटों में झड़प और उसके बाद हो रहे हंगामे की सूचना शहर भर में आग की तरह फैल गयी. इसके तुरंत बाद मेन रोड की दुकानें तो बंद हो ही गयीं, डोरंडा, बहूबाजार और ओल्ड हजारीबाग रोड के अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी.

मेन रोड जानेवाले सभी तरफ के वाहनों का रूट डायवर्ट कर देने और इन बाजारों में मौजूद लोगों के तुरंत घर पहुंचने की कोशिश के कारण सड़कों पर अचानक अधिक वाहन आ गये. हालांकि कुछ देर बाद सड़क पर सन्नाटा पसर गया. पुलिस का पीसीआर वाहन सड़कों पर लगातार गश्त कर रहा था. शाम के चार बजे तक बहूबाजार और कांटाटोली चौक पर न के बराबर भीड़भाड़ थी. स्थिति सामान्य होने के बाद शाम में कुछ दुकानदारों ने दुकान खोली. मेन रोड की घटना के बाद डोरंडा बाजार में दुकानें बंद होने लगीं. देखते ही देखते पूरा बाजार बंद हो गया. सब्जी बाजार में कई सब्जीवालों ने अपनी सब्जी इधर-उधर रख कर भाग गये. वहीं, बड़े दुकानों के शटर भी धड़ाधड़ गिरने लगे. दुकानों को बंद होता देख सड़क पर ठेला लगाकर सामान बेचनेवाले भी अपना सामान लेकर निकले गये. वहीं, बाजार में जो खरीदार आये थे, वे भी जल्दी जल्दी अपने घर चले गये. शाम चार बजे के बाद स्थिति सामान्य होने पर धीरे-धीरे कुछ दुकानें खुली. कुछ सब्जीवालों ने भी अपनी दुकान खोली अौर जल्दी जल्दी सब्जी बेच कर घर चले गये. डोरंडा बाजार के अलावा कन्या पाठशाला रोड, नामकुम रोड, युनूस चौक, तुलसी चौक, एजी मोड़ सहित अन्य आसपास की दुकानें भी बंद थीं. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल की तैनाती भी कर दी गयी थी. वहीं, हिनू इलाके में अधिकतर दुकानें खुली थीं. वाहनों का परिचालन कम हो गया था.
स्कूली बसों का परिचालन बाधित परेशान हुए बच्चे और अभिभावक
मंगलवार को दो पक्षों के बीच हुए विवाद से उत्पन्न स्थिति के बाद मेन रोड में यातायात बाधित हो गया. स्थिति के मद्देनजर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूली बसों के मेन रोड में प्रवेश पर रोक लगा दिया. बच्चे एक से डेढ़ घंटे तक बसों में ही बैठे रहे.

डोरंडा से मेन रोड की तरफ अाने वाली बसों को सुजाता चौक के पास तथा रातू रोड, कांके रोड व बरियातू की ओर से आने वाली बसों को जयपाल सिंह स्टेडियम के पास रोक दिया गया. बसों के चालक ने इसकी सूचना स्कूल प्रबंधन के दी. स्कूल द्वारा अभिभावकों को दूरभाष पर बस का लोकेशन तथा वहां से अपने बच्चों को ले जाने की सूचना दी गयी. सुजाता चौक के पास टेंडर हार्ट स्कूल, ब्रिजफोर्ड स्कूल व बिशप गर्ल्स स्कूल के विद्यार्थियों को बस से उतारा गया. जहां से अभिभावक अपने बच्चे को घर ले गये. वहीं सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी व टेंडर हर्ट स्कूल की बसों ने मेन रोड के कुछ बच्चों को बहूबाजार के पास उतारा. वहां से अभिभावक अपने बच्चों को घर ले गये. डीएवी बरियातू की स्कूल बस जिसे मेन रोड आना था, उसे जयपाल सिंह स्टेडियम के पास रोक दिया गया. अभिभावक वहां से अपने बच्चे को ले गये.
लावण्य को पुलिसकर्मी ने संभाला
टेंडर हार्ट स्कूल की नर्सरी कक्षा में पढ़नेवाली लावण्य गुप्ता गुमसुम बहूबाजार में ट्रैफिक पुलिस के पास बैठी थी. इस बाबत पूछे जाने पर ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि बस चालक ने दूरभाष पर लावण्य के पिता सतीश कुमार गुप्ता से बात की है. चालक ने कहा कि बस बहूबाजार में खड़ी है. लावण्य को जल्दी आकर ले जाये. इस पर लावण्य के पिता ने कहा कि मुझे आने में थोड़ी देर होगी. बहूबाजार में मौजूद ट्रैफिक पुलिस से बात करायें. ट्रैफिक पुलिस से बात करने के बाद लावण्य के पिता ने बस चालक से लावण्य को ट्रैफिक पुलिस के पास छोड़ने को कहा. वहीं ट्रैफिक पुलिस ने जब लावण्य से पूछा भूख लगी है? तो उसने हां में सिर हिलाया. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने उसे लस्सी पिलायी. करीब एक घंटे बाद लावण्य के अभिभावक आये और उसे ले गये.
डरे-सहमे बच्चे पूछ रहे थे क्या हुआ
बहूबाजार में टेंडर हार्ट स्कूल व सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल की बसों में बैठे बच्चे डरे हुए थे. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि बस यहां क्यों रोक दी गयी है. बच्चे बस चालक व सड़क पर चल रहे लोगों से भी पूछ रहे थे क्या हुआ है अंकल. बस चालक द्वारा बच्चों को समझाया जा रह था कि आपके पापा आ रहे हैं, वह ले जायेंगे. आगे सड़क जाम है. अपने अभिभावकों के इंतजार में कई छोटे-छोटे बच्चे मायूस अपनी सीट पर बैठे हुए थे.
आंखों देखी
उजास सांझ की डरावनी दोपहरी
अजय कुमार
सब कुछ ठीक था, जब बच्चे अपने घरों से स्कूल को आये थे. दोपहर में छुट्टी हो गयी, पर स्कूल का गेट बंद था. उन्हें क्लास रूम में ही रोक लिया गया. उन्हें पता नहीं था कि बाहर ऐसा क्या हो गया कि उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है. सवाल दर सवाल. बच्चे इन सवालों में उलझे हुए थे. किसी के पास इसका उत्तर नहीं था.

छुट्टी का वक्त निकल जाने के बाद गेट खुला, तो वे हैरान थे. शहर में सन्नाटा पसरा हुआ था. भरी दोपहरी बच्चों के इस शहर को क्या हो गया? कोई कहता- सुना है खून-खराब हुआ है. अपनी साइकिल को गिरने से बचाने की कोशिश करता दीपक कहता है- कर्फ्यू लग है, लेकिन यह कर्फ्यू क्या होता है, उसे नहीं पता. वह छठी क्लास में पढ़ता है. अपने दोस्तों के साथ उसे घर जाने की हड़बड़ी है.

मंगलवार की दोपहर रांची के एक इलाके में तनाव की खबर आयी, तो हम अपने वरिष्ठ सहयोगी जीवेश रंजन सिंह के साथ मौके पर पहुंचे. रास्ते में स्कूल वैन पर बैठी नन्ही लड़की ड्राइवर से जल्दी घर पहुंचाने की जिद कर रही है. वह अपने मम्मी-पापा के पास जाना चाहती है. हम उससे भी पूछना चाहते हैं, लेकिन वह इतनी घबरायी थी कि कुछ कहना-बोलना नहीं चाहती. वैन में बैठीं दूसरी लड़किया कहती हैं- अंकल, किस के लिए यह लड़ाई हुई है. ड्राइवर के पास इसका कोई जवाब नहीं है.शहर के एक इलाके से निकली हंगामे की खबर समूचे शहर के रोजमर्रे की चाल तब तक बिगाड़ चुकी थी. सबसे तेज चलने वाले नेटवर्क ‘अफवाह’ पर लोग बात करते रहे. तरह-तरह की अफवाहें. जत्थे में लोग सड़क के किनारे खड़े हैं. वे दुखी हैं कि अचानक कुछ लोगों के चलते यह आफत आ गयी. सब कुछ डिस्टर्ब (असामान्य) हो गया. चर्च कॉम्पलेक्स की बड़ी-बड़ी दुकानों के शटर गिर चुके हैं. सब ठप पड़ गया लगता है. कटोरा लिये बूढ़ी पुलिसवालों के बगल से निकल रही है. वह बुदबुदाती है- एक पाई भी ना भेटलौ.

पुलिस वाले लाठी भांजते हैं. पचास-सौ नौजवानों की भीड़ पीछे भागती है. उनमें से दो-तीन युवा पुलिस की ओर पत्थर उछालते हैं. भीड़ में शामिल दर्जनों हाथ ऐसा करने वालों को रोकने के लिए आगे बढ़ते हैं. उन्हें लानत देते हैं. खबरदार जो पत्थर मारा.
धीरे-धीरे शाम होने लगी, पर सड़क पर रोज दिखने वाली वह रौनक नहीं लौटी. पुलिस के बड़े अधिकारी हालात सामान्य होने की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों फोन पर दे रहे हैं, पर खिड़कियों के अंदर से अब भी आंखें झांक रही हैं. आंखें इत्मीनान होना चाह रही हैं कि शहर में वाकई सबकुछ सामान्य हो गया है.

मसजिद के पास सन्नाटा है और उससे कुछ फर्लांग की दूरी पर महावीर मंदिर के गेट पर ताला लटक रहा है. ऐसे हंगामे के दौरान आम आदमी जिस तरह पिसता है, गोया हमारे अल्लाह और भगवान भी आम आदमी की तरह तकलीफ झेल रहे हों, लेकिन शहर को भरोसा है कि बुधवार की सुबह अजान पढ़े जायेंगे और मंदिर से घंटे की गूंज उठेगी.
मेन रोड में भगदड़ से लगा जाम
एकरा मसजिद चौक और डेलीमार्केट के पास जिस वक्त मारपीट व हंगामा शुरू हुआ, उस वक्त मेन रोड में एक हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन थे. हजारों लोग खरीदारी के लिए मेन रोड की दुकानों व सड़क पर मौजूद थे. दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद दुकानों के शटर गिरने लगे. लोग इधर-उधर भागने लगे. वाहन सवार अपने वाहन को लेकर सुजाता चौक और अलबर्ट एक्का चौक की तरफ तेजी से भागने लगे. हालात यह थे कि उस दौरान सुजाता चौक की तरफ से पैदल आने में भी लोगों को परेशानी होने लगी थी. भीड़ एक तरफ ही जा रही थी. लोग किसी तरह मेन रोड से निकल जाना चाहते थे. इस कारण एकरा मसजिद चौक से सुजाता की तरफ सड़क पर जाम की स्थित बन गयी. सुजाता चौक से राजेंद्र चौक तक की सड़क पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. सुजाता चौक पर तैनात ट्रैफिक के जवान भी मेन रोड की तरफ से आ रहे वाहनों को तेजी से निकालने की कोशिश में लगे थे. सैनिक मार्केट के पार्किंग स्थल का गेट बंद कर दिया गया, ताकि कोई उपद्रवी पार्किंग में खड़े वाहनों को नुकसान न पहुंचा सके. दूसरी ओर उर्दू लाइब्रेरी की तरफ से लोग अपनी गाड़ी के साथ व पैदल ही अलबर्ट एक्का चौक की तरफ तेजी से निकलने लगे थे, जिस कारण कचहरी चौक तक जाम की स्थिति बन गयी थी.
चार बजे के बाद यातायात व्यवस्था हुई सामान्य, मेन रोड में भगदड़ के बाद रूट किया गया डायवर्ट
रांची. दो गुटों के बीच मारपीट की घटना के बाद मची भगदड़ में आम लोग न फंसे, इसे लेकर मेन रोड में रूट डायवर्ट किया गया. ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रण में लाने के लिए दोनों ओर (सुजाता चौक और अलबर्ट एक्का चौक व सर्जना चौक) से रूट डायवर्ट किया गया. अलबर्ट एक्का चौक के पास ट्रैफिक ने स्लाइडिंग बैरियर लगा दिया. अलबर्ट एक्का चौक की ओर से सुजाता चौक जानेवाले वाहनों को शहीद चौक की तरफ मोड़ा गया. वहीं, दूसरी ओर सुजाता चौक की ओर से आनेवाली गाड़ियों को मेन रोड में आने से रोक दिया गया. गाड़ियों को क्लब रोड में डायवर्ट कर दिया गया. इस कारण मेन रोड को खाली करने में प्रशासन को आसानी हुई. सर्जना चौक से भी वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया. काली मंदिर गली से वाहनों को सुजाता चौक की ओर नहीं जाने देकर रूट डायवर्ट किया गया. इस दौरान स्कूल की कुछ गाड़ियां भी काली मंदिर, मेन रोड के पास भीड़ में फंस गयी थी. बस में विद्यार्थियों को बैठे देख कर पुलिस ने तत्काल बसों का रूट डायवर्ट कर उन्हें जाम से बाहर निकला, ताकि बच्चे सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें. इससे अधिकांश लोग घटना के बाद मची भगदड़ में फंसने से बचे.

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