देवघर: नगर थाना क्षेत्र के छतीसी मुहल्ला निवासी उदय कुमार राव के नाम से आइसीआइसीआइ बैंक की देवघर शाखा में खोले गये एकाउंट से फिर 14.5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. इसकी जानकारी उदय को तब हुई, जब उसे एक बार फिर आयकर की नोटिस प्राप्त हुआ. उसे आयकर प्रक्षेत्र-3 कार्यालय के पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह द्वारा 15 सितंबर 2016 को ही आयकर कार्यालय में आकर पक्ष रखने कहा गया था. उदय उस दिन आयकर पदाधिकारी श्री सिंह के पास गया भी था.
उससे एकाउंट में हुए ट्रांजेक्शन के बारे में आयकर कार्यालय में पूछताछ की गयी थी. उसने पूरे मामले में अनभिज्ञता जाहिर की थी, जिस पर शपथपत्र देकर अपना पक्ष रखने कहा गया था. उदय ने बताया कि उसने आइसीआइसीआइ बैंक में कोई खाता ही नहीं खुलवाया है. उदय का आरोप है कि किसी अज्ञात ने उसके नाम का खाता खुलवा कर बैंक की मिलीभगत से ही यह गड़बड़ी की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभवत: उदय के नाम के बैंक खाते से इतना बड़ा ट्रांजेक्शन चालू वित्तीय वर्ष में ही हुआ होगा, इसलिए आयकर विभाग ने इस वर्ष सितंबर महीने में उसे यह नोटिस भेजा है.
करोड़ों के फर्जी ट्रांजेक्शन की शिकायत जुलाई में की थी उदय ने : इससे पूर्व भी उदय के नाम से खुले उक्त बैंक खाते से करोड़ों का ट्रांजेक्शन हो चुका है. इस संबंध में आयकर विभाग से जब उदय को नाेटिस मिला तब उसे मामले की जानकारी हुई थी. आयकर की पहली नोटिस को उसने हल्के से लिया था, किंतु जब पुन: रिमाइंडर मिला तब आयकर कार्यालय में पहुंच कर जानकारी ली थी. वहां जानकारी हुई कि उसके नाम से आइसीआइसीआइ बैंक में संचालित खाते से 24 अक्तूबर 2011 में 5,40000 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था. कार्यालय में यह पता चला कि वर्ष 2013 तक उसके खाते में करीब सवा करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो चुका है.
आयकर विभाग से पहला नोटिस उसे 04.01.2016 को मिला था. पुन: उसे दूसरी नोटिस 08.06.2016 को मिला. इसके बाद पहली जुलाई 2016 को आइसीआइसीआइ बैंक की स्थानीय शाखा में पहुंच कर इस संबंध में शिकायत दी थी. बैंक से पता चला कि उसके आइडी से 16.05.2011 को एकाउंट खोला गया है, जिस पर उसकी फोटो के जगह दूसरे का फोटो है. वहीं एकाउंट में लगे आइडी, पेन कार्ड उसके नाम का है. उसकी मां के नाम की जगह गायत्री देवी लिखा था, जो गलत है. उदय ने बताया कि उसकी मां का नाम ललिता देवी है. इस संबंध में उसने नगर थाना में 15 जुलाई को ही शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया था. बावजूद अब तक नगर थाना द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. उसका आरोप है कि बैंक पदाधिकारियों व कर्मियों की मिली भगत से उसके नाम का फर्जी खाता अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुलवाया गया, जिससे काफी लेन-देन भी की गयी है. यह भी उसने दावा किया है कि आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा में अब तक कोई खाता नहीं खुलवाया है. उसके नाम से संचालित हो रहे फर्जी खाते की अब तक बैंक द्वारा भी जांचकर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
दर्जनों लोगों के नाम से फर्जी खाते हैं आइसीआइसीआइ बैंक में
आइसीआइसीआइ बैंक की देवघर शाखा में सिर्फ इन तीनों के नाम ही फर्जी खाता खोल कर इतनी बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है. बल्कि सूत्रों पर भरोसा करें तो करीब दर्जनों ऐसे फर्जी खाते उक्त बैंक में हैं, जिससे आयकर को व्यापक पैमाने पर चूना लगाया गया है. ऐसी गड़बड़ी बैंक के पूर्व पदाधिकारियों व कर्मियों द्वारा किसे लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था, यह बड़ा जांच का विषय है. मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने पर बड़े खुलासे हो सकते हैं. जिनके नाम से खाता खुला है, उनमें से कुछ ने बताया कि ट्रांजेक्शन का डिटेल्स जानने पर पता लगा है कि खाता से गिट्टी, मार्बल आदि का भुगतान राजस्थान तक किया गया है.
छात्रा मनीषा ने भी करायी थी प्राथमिकी
बड़ा बाजार की छात्रा मनीषा जोशी के नाम भी आइसीआइसीआइ बैंक में फर्जी खाता खोल कर करोड़ों के ट्रांजेक्शन किया गया है. इस मामले को लेकर बैंक प्रबंधक द्वारा ही प्राथमिकी नगर थाने में कुछ माह पूर्व दर्ज करायी गयी थी. मामले में बैंक के ही दो पूर्व अधिकारी व कर्मियों को आरोपित बनाया गया है. अनुसंधान में पुलिस को एकाउंट ऑपरेट करने वाले व्यक्ति का पता भी चला था. बावजूद अब तक पुलिस द्वारा किसी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.
पुलिस नहीं गयी तह तक
देवघर. इस मामले में बैंक द्वारा भी कुछ खास नहीं किया गया, वहीं पुलिस भी परेशानी से बचना चाहती है. आइसीआइसीआइ बैंक में खोले गये मनीषा के नाम से ही फर्जी खाते के सिलसिले में प्राथमिकी नगर थाना में दर्ज की गयी है. इसके अलावे उदय के नाम खुले बैंक खाते मामले में तो पुलिस ने प्राथमिकी तक दर्ज करना उचित नहीं समझा. ऐसे में जो भोलेभाले ठगी के शिकार हुए हैं वे न्याय की गुहार लगाने आखिर किसके पास जायेंगे? यह बड़ा सवाल है.