रांची. लंबे समय से महत्वपूर्ण पदों के खाली रहने से झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद (मार्केटिंग बोर्ड) और बाजार समिति में काम प्रभावित हो रहा है. बोर्ड और बाजार समिति में स्वीकृत पदों की संख्या 900 है, जिनमें से 795 पद रिक्त हैं. इसके बावजूद बोर्ड का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. किसी तरह काम चलाया जा रहा है. बाजार समिति में पणन सचिव का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है. झारखंड में कुल 28 पणन सचिव पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक भी पद पर नियुक्ति नहीं है. बाजार पर्यवेक्षक को ही प्रभार देकर लंबे समय से काम चलाया जा रहा है. आश्चर्य यह है कि जमशेदपुर, गढ़वा, रांची, धनबाद, दुमका, रामगढ़ सहित कई जिलों में प्रभारी पणन सचिव तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रहे हैं. जब-तब उनका स्थानांतरण कर दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि एक बाजार समिति में काम की पूरी जानकारी होने से पहले ही स्थानांतरण कर दिया जाता है, जिससे काम सही तरीके से नहीं हो पाता. बाजार पर्यवेक्षक के स्वीकृत पदों की संख्या 125 है, जिनमें मात्र 44 कार्यरत हैं. कुल 81 पद खाली हैं. पर्यवेक्षक का काम अतिक्रमण, साफ-सफाई, किराया सहित अन्य कार्य देखना होता है, लेकिन यह भी पूरा नहीं हो पा रहा है.
झारखंड में कुल 28 बाजार समिति
झारखंड में कुल 28 बाजार समिति हैं. इनमें रांची, जमशेदपुर, चाकुलिया, हजारीबाग, रामगढ़, डालटेनगंज, बोकारो, बेरमो, गढ़वा, मधुपुर, गुमला, सिमडेगा, लोरहदगा, कोडरमा, सरायकेला, गोड्डा, खूंटी, धनबाद, गिरिडीह, साहेबगंज, बरहरवा, लातेहार, पाकुड़, चतरा, चाइबासा, जामताड़ा और दुमका शामिल हैं.
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