21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नये सिलेबस से पढ़ेंगे बच्चे

नया पाठ्यक्रम. कक्षा दो से पांच तक की किताब तैयार सुनील कुमार झा रांची : राज्य के स्कूली बच्चे अब अपने पाठयक्रम के आधार पर छपी किताब से पढ़ाई करेंगे़ राज्य गठन के 15 वर्ष बाद शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए अपनी किताब तैयार की है़ वर्ष 2016-17 में स्कूलों में बंटने वाली […]

नया पाठ्यक्रम. कक्षा दो से पांच तक की किताब तैयार
सुनील कुमार झा
रांची : राज्य के स्कूली बच्चे अब अपने पाठयक्रम के आधार पर छपी किताब से पढ़ाई करेंगे़ राज्य गठन के 15 वर्ष बाद शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए अपनी किताब तैयार की है़
वर्ष 2016-17 में स्कूलों में बंटने वाली किताबें नये पाठयक्रम पर आधारित होगी़ जेसीइआरटी ने किताब तैयार करने का काम पूरा कर लिया है़ झारखंड शिक्षा परियोजना को किताब जल्द उपलब्ध करा दी जायेगी. इसी पुस्तक के आधार पर प्रकाशक नयी पुस्तक प्रकाशित करेंगे़
राज्य में अब तक एनसीइआरटी के पाठयक्रम के आधार पर पढ़ाई हो रही थी़ झारखंड सरकार ने एनसीइआरटी से किताब छापने की कॉपी राइट ले रखी थी़ राज्य में काफी दिनों से अपना पाठयक्रम तैयार करने की बात कही जा रही थी, पर इस क्षेत्र में काेई ठोस पहल नहीं हो रही थी. नये पाठयक्रम में झारखंड से जुड़ी बातों को शामिल किया गया है़ जबकि एनसीइआरटी की पुस्तक में झारखंड से जुड़ी जानकारी कम थी़ इससे बच्चों को अपने राज्य के इतिहास-भूगोल की जानकारी कम हो पाती थी.
तीर्थ स्थलों की भी जानकारी
झारखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों को पाठयक्रम में शामिल किया गया है़ देवघर मंदिर, रजरप्पा मंदिर, बासुकिनाथ मंदिर, पारस नाथ मंदिर समेत झारखंड के अन्य धार्मिक व तीर्थ स्थलों की जानकारी बच्चों को दी जायेगी़ इसके अलावा झारखंड की भौगोलिक स्थिति को विस्तार से पाठयक्रम में शामिल किया गया है़
महापुरुषों को जानेंगे बच्चे
अब तक के पाठयक्रम की सबसे बड़ी कमी यह थी कि झारखंड के महापुरुष व स्वतंत्रा सेनानी के बारे में कोई जानकारी बच्चों को नहीं दी जाती थी़ कक्षा एक से आठ तक में मात्र एक कक्षा में दो से तीन लाइन में बिरसा मुंडा की जीवनी पढ़ाई जाती थी़ अब नये पाठयक्रम में बच्चे झारखंड के महापुरुषों व स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तार से पढ़ सकेंगे.
सरहुल व करमा की भी होगी पढ़ाई
नये पाठयक्रम का मूल आधार एनसीइआरटी की पुस्तकें हैं, पर इनमें झारखंड से जुड़ी बातों को प्रमुखता दी गयी है़ यहां के पर्व-त्योहार को पाठयक्रम में शामिल किया गया है. सभी प्रमुख पर्व-त्योहारों को अलग -अलग कक्षा की पुस्तकों में शामिल किया गया है़ अब बच्चे होली, दीपावली, ईद, क्रिसमस के साथ-साथ सरहुल, करमा, सोहराई के बारे में जान सकेंगे.
कुरीतियों को दूर करने का प्रयास
पाठ्यक्रम में झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है़ बच्चों को इन कुरीतियों के विरोध में जागरूक किया जायेगा. इसके अलावा नये पाठयक्रम के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन व बाल विवाह के खिलाफ भी बच्चों काे जागरूक करने का प्रयास किया गया है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें