संस्था की ओर से केंद्र सरकार को दी गयी जानकारी के मुताबिक अपर बाजार स्थित एसके फैब्रिक्स में वर्ष 2012 से 2013 के बीच एसके फैब्रिक्स में 42 लोगों को रोजगार दिलाया गया है. इन्हें 3500 से 5000 रुपये तक सैलरी मिलने की बात भी कही गयी है. सूची में एक ही दिन 11 लोगों को नौकरी देने की बात कही गयी है. अलग-अलग तिथियों पर एक साथ चार से पांच लोगों को नौकरी दिलाने की बात कही गयी है. दूसरी तरफ जब इस संस्था के प्रबंधक से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि इस संस्था से जुड़े एक लोगों को भी उनके यहां नौकरी नहीं दी गयी है. संस्था ने पूरी तरह से गलत जानकारी दी है. उनकी संस्था में काम करने वाले लोगों की संख्या 20 से भी कम है.
कुछ कंपनियां छात्र-छात्राओं को बॉयोडाटा लेकर आती हैं. जब उनसे बातचीत की जाती है, तो पता चलता है कि प्रशिक्षण लेनेवाले युवकों को कुछ भी जानकारी नहीं है. उनके साथ आनेवाले छात्र-छात्राएं को विषय का भी ज्ञान नहीं रहता है. एफॉरइ इंडिया का दावा है कि ग्रामीण विकास विभाग की ओर से एसजीएसवाइ(स्पेशल प्रोजेक्ट) के तहत राज्य के 1530 युवक-युवतियां को प्रशिक्षण दिलाने का लक्ष्य रखा था. संस्था का दावा है कि 1451 युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया. वहीं 1028 लोगों को विभिन्न कंपनियों में रोजगार दिलाया गया है. एफॉइ इंडिया को झारखंड में चलाये गये स्कील डेवलपमेंट कार्यक्रम में लगभग पौने तीन करोड़ रुपये का फंड मिला था.