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जनता दरबार: मंत्री ने मरीज से कहा, रिम्स में करा लो इलाज मरीज ने कहा, मंत्री रिम्स छोड़ मेदांता क्यों जाते हैं ?

रांची: मुख्यमंत्री सचिवालय, कांके रोड में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी तथा कृषि, पशुपालन व सहकारिता मंत्री रंधीर कुमार ने जनता दरबार का आयोजन किया. यहां पहुंचे एक बीमार व्यक्ति ने शिकायत की कि उसे सीएमसी वेल्लोर में इलाज कराने के लिए सरकार से मदद नहीं मिल रही है. इस पर मंत्री ने उसे रिम्स में […]

रांची: मुख्यमंत्री सचिवालय, कांके रोड में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी तथा कृषि, पशुपालन व सहकारिता मंत्री रंधीर कुमार ने जनता दरबार का आयोजन किया. यहां पहुंचे एक बीमार व्यक्ति ने शिकायत की कि उसे सीएमसी वेल्लोर में इलाज कराने के लिए सरकार से मदद नहीं मिल रही है. इस पर मंत्री ने उसे रिम्स में इलाज कराने की सलाह दी. मंत्री की सलाह पर बीमार व्यक्ति ने उलटा सवाल कर िदया. उसने पूछा कि यहां के मंत्री अपना इलाज रिम्स के बजाय मेदांता में क्यों कराने जाते हैं?

जनता दरबार में रातू रोड निवासी राजेश कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि दुर्घटना में उसकी कमर में चोट लगने से वह अपाहिज हो गया है. सीएमसी वेल्लोर ने इलाज के लिए 2.43 लाख का इस्टिमेट दिया है. इधर सिविल सर्जन रांची ने असाध्य रोग सहायता निधि के तहत उसे 1.03 लाख रुपये देने की ही सहमति दी है. एेसे में वह अपना इलाज कैसे करायेंगे. इस पर मंत्री ने राजेश को सलाह दी कि वह रिम्स में ही इलाज करायें, दूर जाने की क्या जरूरत है. इस पर राजेश का कहना था कि सीएमसी वेल्लोर में उसे गारंटी दी गयी है कि वह ठीक हो जायेगा. राजेश ने मीडिया कर्मियों से ही सवाल किया कि जब मंत्री लोग रिम्स छोड़ मेदांता में इलाज कराते हैं, तो ऐसे में रिम्स पर कैसे कोई विश्वास करेगा. मुझे कुछ हो गया, तो मेरे परिवार को कौन संभालेगा.

उधर रिनपास में तीन साल की रिक्ति के विरुद्ध 2010 में बहाल हुए शोध पदाधिकारी राजकुमार महतो भी जनता दरबार में पहुंचे थे. उनकी शिकायत थी कि उन्हें तीन साल के बदले एक साल में ही हटा दिया गया था. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने निदेशक रिनपास डॉ जयति शिमलइ को बुलाया तथा उन्हें राजकुमार के मामले पर गंभीरता से विचार करने को कहा.
बीडीओं से डीजीपी तक का फोन ऑन होना चाहिए
जनता दरबार में मंत्री जब अधिकारियों से बात करना चाहते थे, तो कुछ फोन बंद मिले. कोल्हान के आयुक्त से स्वास्थ्य मंत्री स्वर्ण रेखा परियोजना के एक मामले को लेकर बात करना चाह रहे थे. मोबाइल बंद होने के कारण आयुक्त से मंत्री की बात नहीं हो सकी. कई उपायुक्तों के फोन भी बंद मिले. जनता दरबार में युवक सुनंद प्रसाद शिकायत लेकर आये थे. उनका कहना था कि विस्थापन के एक मामले में जल संसाधन विभाग के अधिकारी अंडर एज बता कर नौकरी नहीं दे रहे हैं. कई बार इस मामले में उपायुक्त से भी शिकायत की गयी है. बाद में अधिकारियों के फोन बंद रहने के संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से यह निर्देश जारी करने को कहेंगे कि जब-जब जनता दरबार हो, तो बीडीअो से लेकर डीजीपी तक के फोन अॉन रहे.
स्वास्थ्य के कम जमीन से संबंधित ज्यादा मामले आये
स्वास्थ्य मंत्री के जनता दरबार में स्वास्थ्य के कम तथा जमीन के ज्यादा मामले आये. ज्यादातर लोग जमीन के साथ पुलिस-प्रशासन से जुड़ी शिकायतें भी लेकर आये थे. रांची की अंजलि अपनी मां के साथ पहुंची थी. पूरक परीक्षा में सफल अंजलि शहर के किसी कॉलेज में कॉमर्स में नाम लिखाना चाहती थी. मंत्री द्वय ने कहा कि उसका एडमिशन हो जायेगा. विकलांग विभू
दत्त मिश्रा नामकुम थाना क्षेत्र में सात सितंबर को हुई घटना, जिसमें स्थानीय लोगों ने एक मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति की घसीट कर पिटायी की थी, मामले में इंसाफ मांगने आया था. उसका कहना था कि घटना की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस खामोश रही. विभू का कहना था कि इस मामले में राज्य का हर संवेदनशील इंसान दोषियों को दंड मिलने का इंतजार कर रहा है. विभू नामकुम थाना प्रभारी के निलंबन की मांग कर रहा था.
अादिम जनजाति महिला से काम छीना
उपायुक्त कार्यालय, लातेहार में वर्ष 2002 से काम कर रही आदिम जनजाति से संबद्ध बिरजिया समुदाय की महिला शांति तेलरा भी अपनी फरियाद लेकर पहुंची थी. शांति की शिकायत थी कि उसे अब काम से हटा दिया गया है. मंत्रियों ने उसे आश्वासन दिया कि उन्हें काम दिलाया जायेगा. आंखों में आंसू लिये शांति ने कहा कि उसे अल्सर है. मुंह से खून आता है. बड़ी मुश्किल से वह रांची आयी है. बीए पास शांति ने कहा कि उसका चयन जैप-10 में हुआ था. प्रशिक्षण में परेशानी होने पर पूरा नहीं कर पायी थी. सरकार मुझ पर कृपा करे, तो मैं जैप-10 वापस जाना चाहूंगी.
आरटीआइ मांगा, तो केस कर दिया : पलामू के पंडवा प्रखंड के युवक सूर्यकांत बीडीओ की शिकायत लेकर आये थे. उनका कहना था कि बीडीओ से आरटीआइ से वृद्धा और विधवा पेंशन की जानकारी मांगी, तो प्राथमिकी कर दी. इससे पूर्व सूचना देने का बहाना बना कर उसे कार्यालय बुलाया गया था. इधर, इस संबंध में बीडीअो प्रीति सिन्हा ने कहा कि अावेदक ने प्रखंड कार्यालय में हंगामा किया था. स्वास्थ्य मंत्री ने पलामू के उपायुक्त को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया है.
नौकरी की मांग लेकर पहुंचे बीएयू के छात्र
रांची बीएयू के फॉरेस्ट्री व वेटनरी कॉलेज के छात्र नौकरी के लिए विज्ञापन निकालने की मांग की. वेटनरी के विद्यार्थियों का कहना था कि पिछले 10 साल से बहाली नहीं हुई है. जेपीएससी के पास अधियाचना भेजी जा चुकी है. मंत्री से आग्रह किया कि पहल कर नियुक्ति का विज्ञापन निकलवायें.
विद्यार्थियों को मिला न्याय का आश्वासन : बीएयू के वानिकी संकाय से स्नातक की डिग्री ले रहे विद्यार्थियों को न्याय का आश्वासन कृषि मंत्री ने दिया. विद्यार्थियों का कहना था कि राज्य सरकार रेंजरों की नियुक्ति के लिए जो नियमावली बना रही है, उसमें वानिकी संकाय के विद्यार्थियों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. सभी पदों को ओपेन कर दिया जा रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों को नुकसान होगा. मंत्री ने कहा कि वे इस मामले में समाधान का हर संभव प्रयास करेंगे.
…और मंत्री को भजन सुनाने लगे
नाम विवेक पांडेय. निवासी गिरिडीह. अभी रांची में ही रहता व काम करता है. मुंबई में कलाकार बनने की ख्वाहिश है. बकौल विवेक गिटार बजाते हैं. सात साल मुंबई में रहे, पर किसी बड़े स्टार से मिलना नहीं हो सका. कलाकार बनने में सरकार की मदद चाहते हैं. जनता दरबार पहुंचे थे. कक्ष में जाकर अपनी समस्या के साथ-साथ मंत्री द्वय को भजन सुनाना शुरू किया…तुम बिन प्रभु कौन पार कराये….मंत्री रणधीर बस-बस करके रोकने लगे. फिर कहा कि मदद करेंगे.
जीने का सहारा नहीं
बिशप स्कूल बहुबाजार के पिछले इलाके में रहनेवाला बंसी लकड़ा भी जनता दरबार पहुंचा था. पैरों से विकलांग तथा चार बच्चों के बाप बंसी ने बताया कि वह जीने का सहारा मांगने आया है, पर मंत्री से मिलने पर उन्होंने उसे एक स्वलिखित पुरजा दिया. इसमें अधीक्षक रिम्स को बंसी का इलाज कर उन्हें (मंत्री को) सूचित करने को कहा गया है. बंसी समझ नहीं पा रहा था कि क्या किया जाये.
जमशेदपुर में हुई नियुक्ति की जांच कराने का आश्वासन
जमशेदपुर में 2007 में चतुर्थवर्गीय कर्माचरियों की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के मामले में जनता दरबार में आये मंत्रियों ने जांच कराने का आश्वासन दिया है. जनता दरबार में ईचागढ़ के युवक सुबोध चंद्र महतो शिकायत लेकर आये थे. विज्ञापन में जिक्र किया गया था कि नियुक्ति नियोजनालय के माध्यम से होगी. शैक्षणिक योग्यता अष्टम से ऊपर तथा प्रवेशिका (इंटर) से नीचे होगी. आवेदक ने ऐसे कई प्रमाण मंत्रियों को दिये, जिसमें आठवीं से नीचे के आवेदकों को नियुक्त कर लिया गया था. कई एेसे आवेदकों को भी नियुक्त किया गया, जिनके नाम नियोजनालय में नहीं थे. आवेदक ने बताया कि गड़बड़ी के समय डॉ नितिन मदन कुलकर्णी उपायुक्त थे.

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