रांची. श्रीलक्ष्मी वेंकेटश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) में रविवार पौष शुक्ल पक्ष सप्तमी से लेकर एक जनवरी बैकुंठ एकादशी तक विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना होगी. इन पांच दिनों में यहां बने बैकुंठ द्वारा से भगवान के दर्शन के लिए जाने का विशेष महत्व है. इस द्वार को फूलों से सजा कर बनाया गया है. इस द्वार से जाने से सुख, शांति व समृद्धि के अलावा मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर सभी तिरूपति मंदिरों में विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है. तिरूपति बालाजी मंदिर में एक दरवाजा है, जो सालों भर बंद रहता है, सिर्फ इसी अवसर पर खुलता है. रविवार को प्रात : आठ बजे से अर्चना शुरू होगी. एक जनवरी को रात आठ बजे इसका समापन होगा. इस अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए मंदिर के अर्चक नित्यानंद भट्टर, सत्यनारायण गौतम, जगन्नाथ स्वामी, रामअवतार नारसरिया, गोपाल लाल चौधरी, विनय धरनीधरका, एन रामास्वामी, रंजन सिंह सहित अन्य सहयोग कर रहे हैं.आज से श्री विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना दिनांकदिनमासपक्षतिथितिथिनुसार अर्चना का फल 28.12.14रविवारपौषशुक्ल पक्षसप्तमीसर्वार्थसिद्धियोग (धन, पुत्र, स्वर्ग एवं विजय की प्राप्ति) 29.12.14सोमवारपौषशुक्लअष्टमीधन, यश और राज्मषैभवका अधिकारी बनता है.30.12.14मंगलवारपौषशुक्लनवमीअष्टलक्ष्मी की प्रसन्नता के साथ अक्षय पुण्य एवं धन-धान्य की प्राप्ति (सर्वार्थसिद्धि योग) 31.12.14बुधवारपौषशुक्लदशमीआयु, आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति सूर्य रविभोग होने से ग्रहों की शांति यमराज और चंद्र प्रसन्न. 01.01.15गुरुपौषशुक्लबैकुंठ एकादशीसर्व पापहरण समस्त कामनाओं की सिद्धि तथा चौबीसो एकादशी व्रत के पूरे फलों की प्राप्ति.
बालाजी मंदिर में आज से खुलेगा बैकुंठ द्वार
रांची. श्रीलक्ष्मी वेंकेटश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) में रविवार पौष शुक्ल पक्ष सप्तमी से लेकर एक जनवरी बैकुंठ एकादशी तक विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना होगी. इन पांच दिनों में यहां बने बैकुंठ द्वारा से भगवान के दर्शन के लिए जाने का विशेष महत्व है. इस द्वार को फूलों से सजा कर बनाया गया है. इस द्वार से […]
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