विवेक चंद्र
रांची : झारखंड में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्ववाली पहली सरकार की पहल पर छह रेल प्रोजेक्ट शुरू किये गये थे. इसके लिए झारखंड ने भी पैसा दिया. विभिन्न जिलों में कुल छह रेलवे प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए राज्य सरकार 2500 करोड़ रुपये से अधिक दे चुकी है. पर, 12 वर्षो से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी परियोजनाएं पूरी नहीं हो पायी हैं.
10 साल के लंबे अंतराल में छह में से एक परियोजना पूरी हुई. इन वर्षो में रेल प्रोजेक्ट की लागत कई गुना बढ़ गयी है. वर्ष 2002 में जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ, तो कुल 556 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाने का कॉस्ट 1997 करोड़ रुपये था. प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने के कारण वर्ष 2007 में इस्टीमेट बढ़ कर 3771 करोड़ किया गया.
इस दौरान भी कोई प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका. 2014में एक बार फिर से रेलवे ने स्टीमेट बढ़ा कर 5775 करोड़ रुपये कर दिया है. अब बाकी के पांच रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए इस बार रेलवे ने वर्ष 2016 तक का समय लिया है.
