रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में मंगलवार को ट्रांसफर मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए 15000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. जुर्माने की राशि झालसा में जमा करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि जब प्रार्थी के स्थानांतरण पर रोक लगा दी गयी थी, इसके बावजूद उनका स्थानांतरण कैसे किया गया. साथ ही 25 साल से पदस्थापित ब्रह्मदेव प्रसाद का स्थानांतरण करने का निर्देश दिया. सरकार की ओर से बताया गया कि स्थापना समिति की अनुशंसा के बाद प्रार्थी का स्थानांतरण किया गया था. उल्लेखनीय है कि पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ अयोध्या प्रसाद सिंह को वर्ष 2013 में धनबाद से लोहरदगा स्थानांतरण कर दिया गया, जिसे उन्होंने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने उनके स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद विभाग ने फिर अयोध्या प्रसाद सिंह का स्थानांतरण धनबाद से सिमडेगा कर दिया. वे छह साल से एक ही रिजन में पदस्थापित थे. श्री सिंह ने आदेश को फिर चुनौती दी थी. उन्होंने याचिका में कहा कि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में डा ब्रम्ह्देव प्रसाद पिछले 25 साल से पदस्थापित हैं, लेकिन उनका स्थानांतरण नहीं किया गया. इसलिए स्थानांतरण के लिए सरकार का आधार गलत है. उधर इसी अदालत ने एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए लातेहार सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित प्रधान लिपिक विजय कुमार के स्थानांतरण पर रोक लगाने का निर्देश दिया.
चिकित्सक के गलत तबादले पर सरकार को 15000 का जुर्माना
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में मंगलवार को ट्रांसफर मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए 15000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. जुर्माने की राशि झालसा में जमा करने का निर्देश दिया. अदालत […]
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