रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम के टैरिफ प्रस्ताव की जांच विद्युत नियामक आयोग की तकनीकी समिति कर रही है. बताया जाता है कि जांच के बाद प्रस्ताव से संबंधित जानकारी फरवरी के प्रथम सप्ताह में वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जायेगी. गौरतलब है कि वितरण निगम ने 30 दिसंबर को टैरिफ प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास जमा किया था. इसमें लगभग 25 फीसदी टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव है. विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि टैरिफ की तकनीकी समिति से जांच हो रही है. इसके बाद इसे आयोग की वेबसाइट पर डाल दिया जायेगा. अखबारों में भी विज्ञापन प्रकाशित करा कर जनता से आपत्ति मांगी जायेगी. इसके बाद पांचों प्रमंडलों में टैरिफ पर जनसुनवाई होगी. जनसुनवाई पूरी होने के बाद आयोग टैरिफ फाइनल कर जारी कर देगा. यह प्रक्रिया मार्च के अंतिम सप्ताह तक पूरी होगी.
क्या होती है टैरिफ की प्रक्रिया : बिजली टैरिफ के लिए सबसे पहले वितरण निगम अपने अॉडिटेड एकाउंट के साथ एक टैरिफ का प्रस्ताव तैयार करता है. अपने खर्चों का हवाला देते हुए आयोग से टैरिफ बढ़ाने का आग्रह करता है. इसके बाद आयोग टैरिफ की जांच करता है. फिर इसे सार्वजनिक कर दिया जाता है. सार्वजनिक होने के बाद जनता से आपत्तियां मंगायी जाती हैं. फिर आयोग उन आपत्तियों पर जनसुनवाई करता है. इसके बाद अंतिम रूप से टैरिफ लागू किया जाता है.
आयोग के समक्ष दर्ज करा सकते हैं आपत्ति : आयोग के अधिकारियों ने कहा कि टैरिफ प्रस्ताव जब सार्वजनिक किया जाता है, तो जनता ज्यादा रुचि नहीं लेती है. कुछ संगठन ही अापत्ति दर्ज कराते हैं. बिजली सस्ती हो, इसके लिए जरूरी है कि जनता की ओर से ज्यादा से ज्यादा आपत्ति आये. गौरतलब है कि टैरिफ प्रस्ताव पर आम बिजली उपभोक्ता अपनी आपत्ति आयोग के समक्ष दर्ज करा सकते हैं.