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रांची : विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार
हज हाउस के समीप महिलाओं का धरना चौथे दिन भी जारी, वक्ताओं ने कहा रांची : सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में कडरू स्थित हज हाउस के समीप चल रहा अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी जारी रहा. धरना में शामिल होने आये लोगों ने कहा कि उनका आंदोलन अनवरत जारी रहेगा. दिन में रांची […]
हज हाउस के समीप महिलाओं का धरना चौथे दिन भी जारी, वक्ताओं ने कहा
रांची : सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में कडरू स्थित हज हाउस के समीप चल रहा अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी जारी रहा. धरना में शामिल होने आये लोगों ने कहा कि उनका आंदोलन अनवरत जारी रहेगा. दिन में रांची के आसपास की काफी महिलाएं धरना में शामिल होने के लिए आ रही हैं. शाम में भी लोगों का जमावड़ा लग रहा है.
पवन कुमार गुप्ता ने महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस काले कानून का विरोध हमारा संवैधानिक अधिकार है. सामाजिक कार्यकर्ता तारा मणि साहू ने कहा कि संविधान सभी का है. विरोध करना हमारा व आपका संवैधानिक अधिकार है. आदिवासी छात्र संघ अध्यक्ष संजय महली व अमन दीप मुंडा ने कहा कि यह किसी एक कौम का मामला नहीं है, बल्कि एसटी, एससी अौर अोबीसी को भी प्रभावित करेगा.
महिलाअों के लिए चाय से नाश्ता तक की व्यवस्था : धरना पर बैठी महिलाअों के लिए चाय से लेकर नाश्ते तक की व्यवस्था आपसी तालमेल से की जा रही है. वहीं, कई महिलाएं अपने घरों से भी चाय, नाश्ता आदि लाकर बांट रही हैं. इसके अलावा रात में रूकनेवाली महिलाअों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गयी है. धरनास्थल के पास में ही चाय स्टॉल भी लगाये गये हैं. जहां लाेगों को नि:शुल्क चाय दी जा रही है. वहीं, सुरक्षा की दृष्टिकोण से धरना स्थल के समीप स्वयंसेवक तैनात किये गये हैं. इसके अलावा चार सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है. इसके लिए अलावा पार्किंग से लेकर हर व्यवस्था को सदस्य स्वयं मैनेज कर रहे हैं.
किसी को कोई चंदा न दें : धरना के लिए किसी से भी कोई चंदा न देने की बात कही गयी है. इसके लिए धरना स्थल के समीप कई पोस्टर लगवाये गये हैं. इसमें लिखा गया है कि अनिश्चितकालीन महाधरना के लिए किसी भी तरह का चंदा ऑनलाइन, चेक या नगद के रूप में किसी को न दें. इसके अलावा किसी भी पार्टी का कोई सामान या चंदा स्वीकार नहीं किया जायेगा.
रांची. सुल्तान कॉलोनी, कांटाटोली की महिलाओं द्वारा एनआरसी, सीएए व एनपीआर के विरोध में चल रहे दो रोजा उपवास का शुक्रवार को समाप्त हो गया. काफी संख्या में महिलाअों ने रोजा रखा और धरना में शामिल हुईं. शाम साढ़े पांच बजे रोजा खोल कर नमाज पढ़ी गयी.
नमाज आलिमा काजिया ने पढ़ाया. इसके बाद देश एवं राज्य की खुशहाली अौर आपसी सौहार्द्र बनाये रखने की दुआ की गयी. आयोजक शबनम मुजीब ने कहा कि एनआरसी देश के संविधान की अवहेलना है. सामूहिक इफ्तार में सईदा नाज, आलिया नाज, गुलनाज, नाजनी, फरीदा, अंजुम सहित सैकड़ों महिलाएं थीं.
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