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रिपोर्ट में खुलासा : रिम्स के डॉक्टर आवास व अपार्टमेंट में बैठ कर रहे हैं प्राइवेट प्रैक्टिस

प्राइवेट प्रैक्टिस मामले की जांच कर रही टीम की रिपोर्ट में खुलासा रांची : रिम्स मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ जेके मित्रा, कार्डियोलॉजी के डॉ प्रकाश और न्यूरो विभाग में कार्यरत डॉ अनिल अपने आवास व अन्य जगहों पर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं. उन्हें न तो रिम्स प्रबंधन, न ही स्वास्थ्य विभाग की परवाह […]

प्राइवेट प्रैक्टिस मामले की जांच कर रही टीम की रिपोर्ट में खुलासा
रांची : रिम्स मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ जेके मित्रा, कार्डियोलॉजी के डॉ प्रकाश और न्यूरो विभाग में कार्यरत डॉ अनिल अपने आवास व अन्य जगहों पर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं.
उन्हें न तो रिम्स प्रबंधन, न ही स्वास्थ्य विभाग की परवाह है. इस बात का पता चलता है हाइकोर्ट के निर्देश पर प्राइवेट प्रैक्टिस मामले की जांच कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम की रिपोर्ट से. तीन सदस्यीय टीम ने जांच के बाद सरकार को रिपोर्ट सुपुर्द कर दी है. इसमें इस बात का विस्तार से उल्लेख है कि किस प्रकार तीनों डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं और कैसे वे मरीजों को देख रहे हैं.
हिनू स्थित आवास ही है डॉ मित्रा का क्लिनिक : रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेट प्रैक्टिस मामले की जांच कर रही टीम को जानकारी मिली कि डॉ जेके मित्रा अपने हिनू के शुक्ला कॉलोनी स्थित आवास/क्लिनिक पर प्रैक्टिस करते हैं.
इस पर एक शाम टीम के सदस्य वहां पहुंचे. टीम उनके आवास पर पहुंची, तो दो व्यक्ति निकल कर जा रहे थे. उनसे टीम ने पूछताछ की, तो पता मिली कि वे डॉ मित्रा से दिखा कर निकल रहे हैं. इसके बाद टीम से तीनों सदस्य क्लिनिक के अंदर गये. वहां बैठे व्यक्ति ने पूछने पर बताया कि डॉक्टर साहब बैठे हैं.
उनकी फीस प्रति मरीज 600 रुपये है. कुछ देर बाद टीम के तीनों सदस्य डॉ मित्रा के केबिन में गये. वहां डॉ मित्रा ने उन्हें बैठने का इशारा किया. जांच दल के एक सदस्य ने मरीज के रूप में अपना नाम राकेश बताया और डॉ मित्रा से बात की. बीमारी के सिलसिले में पूछताछ के बाद डॉ मित्रा ने बेड पर लेटने को कहा. जांच के बाद उन्होंने कहा कि कोई खास बात नहीं है. साथ ही उन्होंने मनोचिकित्सक से सलाह लेने का सुझाव दिया.
जांच के बाद उन्होंने दवा के लिए पुर्जा दिया. साउथ ऑफिसपाड़ा में मरीजों को देखते हैं डॉ अनिल : रिपोर्ट में डॉ अनिल की भी चर्चा है. कहा गया है कि साउथ ऑफिसपाड़ा के मेघदूत अपार्टमेंट के गेट के पास करीब 15 आदमी बैठे थे. लोगों ने बताया कि यहां डॉ अनिल बैठते हैं. हालांकि वहां किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगा था. वहां बैठे एक व्यक्ति ने जांच टीम के सदस्य को दूसरे दिन नंबर लगाने की बात कही, क्योंकि उस दिन काफी भीड़ थी.
किबर्न कॉलोनी में डॉ प्रकाश कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस : रिपोर्ट में डॉ प्रकाश का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जांच टीम के सदस्य किबर्न कॉलोनी, रोड नंबर छह के मकान नंबर 225 पर पहुंचे.
टीम द्वारा पूछने पर वहां बैठे व्यक्ति ने बताया कि डॉक्टर साहब अंदर हैं. प्रति मरीज एक हजार रुपये फीस लेते हैं. वहां बैठे व्यक्ति ने कहा कि फीस जमा कर दें. डॉक्टर साहब पांच-दस मिनट में देख लेंगे. समिति के एक सदस्य ने मरीज के रूप में अपना नाम-पता दर्ज कराया. हालांकि, फीस जमा नहीं करने की वजह से नाम काट दिया गया.
आरोपी डॉक्टरों पर शासी परिषद में होगा फैसला
रिम्स के तीन डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस का मामला आगामी शासी परिषद मेें भेजा जायेगा. रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि तीनों डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. तीनों डॉक्टरों ने अभी तक अपना जवाब नहीं दिया है. उनका जवाब आने के बाद इसकी जानकारी विभाग को दी जायेगी. शासी परिषद के लिये गये फैसले पर तीनों डॉक्टर पर कार्रवाई की जायेगी.

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