21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

विधानसभा चुनाव परिणाम ने चौंकाया, हुआ बड़ा उलटफेर

रांची : विधानसभा चुनाव परिणाम ने सबको चौंकाया है़ इस चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ़ पांच वर्षों तक नेतृत्व करनेवाले मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव हार गये़ उनके कैबिनेट के मंत्री व बागी बने निर्दलीय सरयू राय ने हराया़ महागठबंधन के पक्ष में चली बयार में 22 नये विधायक चुन कर आये़ 2014 में चुने गये […]

रांची : विधानसभा चुनाव परिणाम ने सबको चौंकाया है़ इस चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ़ पांच वर्षों तक नेतृत्व करनेवाले मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव हार गये़ उनके कैबिनेट के मंत्री व बागी बने निर्दलीय सरयू राय ने हराया़ महागठबंधन के पक्ष में चली बयार में 22 नये विधायक चुन कर आये़ 2014 में चुने गये 20 नये विधायकों में 11 हार गये़ बाबूलाल मरांडी, सुदेश महतो, बंधु तिर्की जैसे नेता, जिन्होंने पिछले चुनाव में शिकस्त खायी थी़ लेकिन इस बार अपनी जमीन बचायी़ विधानसभा चुनाव में कई हॉट सीट थे़

जमशेदपुर पूर्वी : 86 बस्ती का मुद्दा रघुवर को पड़ा भारी
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर इस बार सबसे चौंकाने वाला परिणाम आया. राज्य के मुख्यमंत्री ऐसी सीट से हारे, जो भाजपा का गढ़ माना जाता था. इस सीट पर रघुवर दास को 2014 के चुनाव में 103427 वोट मिला था. इस बार उनको वोट आया, 58112 यानी वह करीब आधे वोट पर अटक गये.
भाजपा के वोट को शिफ्ट कराने में सरयू राय सफल रहे़ वहीं 2014 में दूसरे स्थान पर रहे आनंद दुबे को 33 हजार वोट मिले थे़ इस बार कांग्रेस 18 हजार ही वोट ला पायी़ झाविमो के अभय सिंह ने 2014 के चुनाव में 20 हजार से ज्यादा वोट लाये थे, वह इस चुनाव में 11772 ही वोट ही ला सके. कांग्रेस-झाविमो के आधे से अधिक वोट सरयू के तरफ मुड़े़
वहीं रघुवर के प्रति नाराजगी से शिफ्ट हुआ भाजपा का वोट भी उनकी तरफ गया़ सरयू राय को इस चुनाव में 73945 वोट आया़ यह रघुवर के खिलाफ चमत्कारी आंकड़ा साबित हुआ़ अब इसके पीछे कई कारण रहे़ जमशेदपुर की 86 बस्ती मुद्दा खुल कर सामने आया. वर्षों से इस बस्ती में रहनेवाले लोग मालिकाना हक दिलाने की मांग कर रहे हैं.
लोगों का आरोप है कि पांच टर्म विधायक, उप मुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए रघुवर दास ने मालिकाना हक नहीं दिलाया. इस मुद्दे पर क्षेत्र के लोगों ने सरयू राय पर भरोसा जताया. हार के प्रमुख कारणों में सत्ता विरोधी लहर भी कारण बना. यहां पर रघुवर दास व सरयू राय के बीच सीधी लड़ाई हुई और पासा पलट गया़
सिल्ली : सुदेश की राज्यस्तरीय नेता की छवि काम आयी
सिल्ली में लगातार दो चुनाव हारने के बाद आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो जीत दर्ज करने में सफल हुए. इस चुनाव में सिल्ली को समझने की जरूरत है़ इस बार सुदेश महतो ने 83700 वोट लाये और शिकस्त खायीं सीमा देवी को मिले 63505 वोट़ सुदेश ने बड़ा गैप भरा़ पिछले चुनाव में सुदेश 50 हजार वोट में सिमट गये थे़ वहीं सीमा देवी के पति अमित कुमार ने 79 हजार से अधिक वोट लाये थे. आंकड़ा इस चुनाव में ठीक पलट गया़ यहां की राजनीति लड़ाई के मायने साफ हैं कि सुदेश विरोध और सुदेश समर्थक की लड़ाई होती रही है़
सुदेश ने करीब 30 हजार वोटों का रुख अपनी ओर मोड़ा है़ सुदेश के राज्य स्तरीय नेता की छवि और क्षेत्र में सक्रियता काम आयी. उन्होंने पुराने वोटरों की गोलबंदी कर उसे अपनी ओर मोड़ा. अपने कार्यकाल में सिल्ली के विकास को एजेंडा बनाया. सिल्ली में यह चला कि आजसू पार्टी सत्ता की धुरी बनेगी और उसका नेतृत्व सुदेश करेंगे. यहां रामटहल फैक्टर भी प्रभावी रहा. सुदेश महतो को पूर्व सांसद का आशीर्वाद भी मिला.
धनवार : वोटों के बिखराव से बनी बाबूलाल की राह
झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने धनवार सीट पर अपनी बाजीगरी दिखायी़ यहां भी वोट का समीकरण बदला और 2014 में विधायक रहे माले के राजकुमार यादव तीसरे स्थान पर चले गये़ यहां लड़ाई भाजपा के लक्ष्मण सिंह और बाबूलाल मरांडी के बीच हो गयी़ यह वोटरों की गोलबंदी से हुआ़ पिछले चुनाव में राजकुमार यादव 50 हजार से ज्यादा वोट आया था, इस बार उन्हें 20 हजार वोट नुकसान हुआ़ वहीं अनूप संथालिया ने 22624 वोट लाकर भाजपा को ही जबरदस्त नुकसान पहुंचाया़
भाजपा के लक्ष्मण सिंह 34 हजार वोट में सिमट गये़ वहीं बाबूलाल मरांडी ने माले के वोट में सेंधमारी की. आदिवासी वोट सहित अल्पसंख्यक वोट पूरी तरह उनके पास पहुंचा़ बाबूलाल मरांडी को 52 हजार वोट ला कर सुरक्षित जगह खड़ा कर दिया़ 2014 के चुनाव में बाबूलाल मरांडी किसी तरह 40 हजार वोट तक पहुंचे थे़
लोहरदगा : भाजपा-आजसू लड़े, जीत गयी कांग्रेस
लोहरदगा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव भाजपा आजसू की लड़ाई में निकल गये़ इस चुनाव में सुखेदव भगत को 44230 वोट आये, वहीं आजसू की नीरा शांति भगत को 39916 वोट आये़ दोनों को मिला कर 84 हजार से अधिक वोट हो गये़ वहीं रामेश्वर उरांव को 74 हजार वोट हासिल हुआ.
लोहरदगा की जमीन पर भाजपा-आजसू दोनों एक दूसरे के खिलाफ सेंधमारी नहीं करते, तो रामेश्वर उरांव के लिए विधानसभा तक का रास्ता आसान नहीं होता़ इस चुनाव में सुखदेव भगत आदिवासी-मूलवासी वोटों की गोलबंदी करने में सफल नहीं हो पाये.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel