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अधिवक्ता हत्याकांड का खुलासा : रामप्रवेश की हत्या के लिए दी थी सात लाख की सुपारी, सात गिरफ्तार, शूटर फरार

रांची : कांके के सर्वोदय नगर में नौ दिसंबर को अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या 2.96 एकड़ जमीन की खातिर की गयी थी. उनकी हत्या के लिए सात लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी. रांची पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए हत्या के मुख्य आरोपी राम पाहन (चंदवे), शूटर राजा साव, जेजेएमपी […]

रांची : कांके के सर्वोदय नगर में नौ दिसंबर को अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या 2.96 एकड़ जमीन की खातिर की गयी थी. उनकी हत्या के लिए सात लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी. रांची पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए हत्या के मुख्य आरोपी राम पाहन (चंदवे), शूटर राजा साव, जेजेएमपी का सदस्य रोहित तुरी समेत सात अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.
हालांकि, गोली मारनेवाला गोमिया निवासी अपराधी मिथुन फरार है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से हत्या में प्रयुक्त एक पिस्टल व एक गोली(दोनों 7़ 65 एमएम की), एक बाइक व मोबाइल बरामद किया गया है. यह जानकारी ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार झा ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय में दी. हत्याकांड के सूत्रधार राम पाहन ने पुलिस को बताया कि सर्वोदय नगर के चंद्रा अपार्टमेंट के पीछे तीन करोड़ रुपये मूल्य की 2़ 96 एकड़ जमीन को लेकर वर्ष 2009 से ही अधिवक्ता के साथ विवाद चल रहा था. मई में ही हत्या की योजना बनायी गयी थी.
इसके लिए शूटरों को सात लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी. हत्या में सतीश मुंडा (पतरा गोंदा निवासी), शिवम कुमार, सतीश पाठक (लालपुर निवासी), बड़कागांव निवासी रोहित तुरी (जेजेएमपी), गोमिया निवासी राजा साव, कोकर के तिरिल निवासी शंकर भुइयां (मूलत चरही निवासी) शामिल थे. जबकि गोली मारनेवाला लंगड़ा अपराधी मिथुन फरार है़
डारी केतारी पहनाई जमीन को वकील ने हथिया लिया था : राम पाहन ने पुलिस को बताया कि 2़ 96 एकड़ डारी केतारी जमीन उनके पूर्वजों को पहनई में मिली थी. उस जमीन को बिरसा उरांव अपनी बता कर दावा कर रहा था.
बाद में उक्त जमीन को अधिवक्ता राम प्रवेश सिंह ने बिरसा उरांव से अपने सहयोगी सीमा तिर्की व नारायण भगत के नाम से एग्रीमेंट करा लिया था. इस जमीन को सीमा तिर्की के साथ मिल कर रामप्रवेश सिंह बेचने लगे थे. राम पाहन ने इस मामले में टाइटल सूट भी दाखिल कर दिया था. वह केस अंतिम स्टेज में है, उसकी सुनवाई छह जनवरी को होनेवाली थी. बताया जाता है कि केस का निर्णय बिरसा उरांव के पक्ष में होनेवाला था, इससे भी राम पाहन खफा था. इसके बाद उसने अधिवक्ता की हत्या की साजिश रची. बताया जाता है कि शूटर को मात्र दस हजार रुपये ही मिले हैं. शेष रुपये बीच के लोग खा गये.
तीन करोड़ की जमीन को लेकर था विवाद
वर्ष 2009 से चल रहा था 2.96 एकड़ जमीन का विवाद, मई में ही बनायी गयी थी हत्या की योजना
नौ दिसंबर को कांके रोड स्थित सर्वोदय नगर में घर के सामने अपराधियों ने अधिवक्ता को मारी गोली
गिरफ्तार आरोपियों में हत्याकांड का सूत्रधार राम पाहन, जेजेएमपी सदस्य रोहित तूरी व अन्य शामिल

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