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झारखंड विस चुनाव : संताल की एसटी सीटों पर झामुमो की पकड़, सेंधमारी से बचने की है चुनौती, जानें पिछले चुनाव का आंकड़ा
मनोज सिंह रांची : संताल परगना में अनुसूचित जनजातियों के लिए सात सीटें आरक्षित है. इन सीटों पर पिछले चार विधानसभा चुनाव से झामुमो मजबूत रही है. इन सीटों पर सेंधमारी भाजपा के लिए चुनौती है. पिछले चार चुनाव में मात्र एक बार भाजपा सात में दो सीट जीत पायी है. इसके अतिरिक्त हर बार […]
मनोज सिंह
रांची : संताल परगना में अनुसूचित जनजातियों के लिए सात सीटें आरक्षित है. इन सीटों पर पिछले चार विधानसभा चुनाव से झामुमो मजबूत रही है. इन सीटों पर सेंधमारी भाजपा के लिए चुनौती है. पिछले चार चुनाव में मात्र एक बार भाजपा सात में दो सीट जीत पायी है. इसके अतिरिक्त हर बार भाजपा को एक सीट ही मिल पायी है. 2009 के चुनाव में भाजपा संताल की एक भी एसटी सीट नहीं जीत पायी थी.
इस बार संताल परगना में सीटों का समीकरण बिगाड़ने के लिए भाजपा ने काफी मेहनत की है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संताल को फोकस कर कई कार्यक्रम किये हैं. कई योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन संताल परगना से कराया है. प्रधानमंत्री का चुनाव पूर्व भी कार्यक्रम संताल परगना में कराया गया था. लोकसभा चुनाव में दुमका से शिबू सोरेन का किला ढाहने का फायदा भाजपा लेना चाहेगी. संताल परगना के साथ जनजातीय के लिए आरक्षित सीटों में तीन दुमका जिले में ही पड़ता है. दो साहिबगंज और दो पाकुड़ जिले में पड़ता है.
अभी 28 में 14 सीट झामुमो 10 भाजपा के पास
झारखंड विधानसभा में 28 सीटें जनजातीय के लिए आरक्षित है. इसमें 14 सीटें अभी झारखंड मुक्ति मोरचा के पास है. 10 सीटों पर भाजपा का कब्जा है. चार सीटों में दो आजसू, एक झापा(उपचुनाव में कांग्रेस के पास) और एक जेबीएसपी (मधु कोड़ा की पार्टी ) के पास है. संताल परगना में अगर झामुमो एसटी सीटों पर मजबूत रही है, तो कोल्हान, पलामू और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमडंल की सीटों पर भाजपा भी मजबूत स्थिति में रही है. 2014 के चुनाव में कोल्हान में झामुमो का प्रदर्शन एसटी सीटों पर अच्छा था.
तीन सीटों पर पिछले चार चुनाव से अजेय है झामुमो
झारखंड मुक्ति मोरचा पिछले चार चुनाव (वर्ष 2000 के चुनाव से 2014 तक) तीन सीटों पर अजेय रही है. बरहेट, लिट्टीपाड़ा व शिकारीपाड़ा सीट से झामुमो नहीं हारी है. बरहेट से पिछली बार झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने चुनाव लड़ा था. दुमका से एक बार झामुमो के पुराने नेता स्टीफन मरांडी निर्दलीय भी चुनाव लड़ कर जीत चुके हैं.
पिछले चुनाव में हेमंत सोरेन को दुमका में हार मिली था. वर्तमान मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने उनको हराया था. जामा सीट वर्तमान में शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन विधायक है. इस सीट से पहले उनके पुत्र दुर्गा सोरेन जीतते रहे हैं. 2005 में यहां से भाजपा के सुनील सोरेन जीते थे. इसके बाद से स्व दुर्गा सोरेन की पत्नी की सीता सोरेन जीतती आ रही है.
चुनाव परिणाम का वर्षवार आंकड़ा
विधानसभा 2000 2005 2009 2014
बोरियो झामुमो भाजपा झामुमो झामुमो
(झामुमो-3, भाजपा-एक)
बरहेट झाुममो झामुमो झामुमो झामुमो
(झामुमो-4)
लिट्टीपाड़ा झामुमो झामुमो झामुमो झामुमो
(झामुमो-4)
महेशपुर भाजपा झामुमो जेवीएम झामुमो
(झामुमो-2, झाविमो-एक, भाजपा-एक)
शिकारीपाड़ा झामुमो झामुुमो झामुमो झामुमो
(झामुमो-4)
दुमका झामुमो निर्दलीय झामुमो भाजपा
(झामुमो-2, भाजपा-1, निर्दलीय-1)
जामा झामुमो भाजपा झामुमो झामुमो
(झामुमो-तीन, भाजपा-1)
चार चुनाव की स्थिति (सीट : 28)
वर्ष भाजपा झामुमो अन्य
2000 14 06 08
2005 09 09 10
2009 09 10 09
2014 10 14 04
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