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रांची : सतही जल से पेयजलापूर्ति की योजना पर हो रहा काम
रांची : राज्य के शहरों में ग्राउंड वाटर की जगह सतही जल के जरिये संपूर्ण पेयजलापूर्ति की व्यवस्था कराने की योजना पर काम किया जा रहा है. पिछले दिनों फिलीपींस की राजधानी मनीला में झारखंड से राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक शशिरंजन और जुडको के उप परियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्र ने वर्ल्ड बैंक व […]
रांची : राज्य के शहरों में ग्राउंड वाटर की जगह सतही जल के जरिये संपूर्ण पेयजलापूर्ति की व्यवस्था कराने की योजना पर काम किया जा रहा है. पिछले दिनों फिलीपींस की राजधानी मनीला में झारखंड से राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक शशिरंजन और जुडको के उप परियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्र ने वर्ल्ड बैंक व एशियन डेवलपमेंट बैंक के समक्ष राज्य के शहरों में पेयजलापूर्ति के लिए किये जा रहे कार्यों को बता कर सहयोग मांगा.
मनीला में एशियन देशों के शहरों में हर घर तक पेयजलापूर्ति व्यवस्था करने और पानी की बर्बादी कम करने को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस चार दिवसीय सम्मेलन में भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, नीदरलैंड, फिजी, वियतनाम, चीन और जापान समेत अन्य देश शामिल हुए थे. भारत से झारखंड के अलावा तमिलनाडु सरकार के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हुए.
सम्मेलन के दौरान झारखंड में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने पर भी बातें की गयीं. शहरी पेयजलापूर्ति में निजी सेक्टर का सहयोग लेने पर भी विचार किया गया.
शहरी जलापूर्ति के क्षेत्र में बढ़िया काम करने वाले देशों ने अपना अनुभव साझा किया. नीदरलैंड के अंतरराष्ट्रीय जल मामलों के विशेषज्ञ हैंक ओलिंग व वाटर बोर्ड ऑफ तमिलनाडु के एमडी डॉ सीएन महेश्वरन ने पेयजलापूर्ति के क्षेत्र में बेहतर काम करने और वित्तीय प्रबंधन पर बातें रखीं. राज्य सरकारों पर पेयजलापूर्ति का खर्च का बोझ कम पड़े, इसके लिए पीपीपी मॉडल पर पेयजलापूर्ति योजना लागू करने पर बल दिया गया.
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