7.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्रभात खबर से विशेष बातचीत में ओम माथुर ने कहा, टिकट कटने पर नाराजगी स्वाभाविक, नहीं पड़ेगा ज्यादा असर

झारखंड में भाजपा ने 52 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने 30 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है और 10 विधायकों के टिकट काट दिये हैं. झारखंड चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने झारखंड में आजसू के साथ गठबंधन, पार्टी के 65 प्लस के नारे, यूपीए गठबंधन की चुनौती और टिकट बंटवारे […]

झारखंड में भाजपा ने 52 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने 30 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है और 10 विधायकों के टिकट काट दिये हैं. झारखंड चुनाव प्रभारी ओम माथुर ने झारखंड में आजसू के साथ गठबंधन, पार्टी के 65 प्लस के नारे, यूपीए गठबंधन की चुनौती और टिकट बंटवारे के बाद नेताओं के बागी होने जैसे अन्य मुद्दों पर प्रभात खबर के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख अंजनी कुमार सिंह से बातचीत की. बातचीत के प्रमुख अंश….
पार्टी ने पहली सूची में 10 सीटिंग विधायकों का टिकट काटा है. उससे नाराजगी की खबरें आ रही है. इसे आप किस रूप में देखते हैं?
देखिये, जब किसी का टिकट कटता है, तो नाराजगी स्वाभाविक रूप से होती ही है. लेकिन पार्टी हर बार कुछ कंडिडेट बदलती है. कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी इस बात का पता होता है. जहां तक किसी के टिकट कटने का सवाल है, तो इसमें कोई न कोई कारण होता है.
टिकट वितरण जन प्रतिनिधि का प्रदर्शन, सामाजिक समीकरण, जीतने के चांस, सर्वे रिपोर्ट आदि को आधार बनाकर ही लिया जाता है. यह काफी सोच समझकर किया जाता है. आखिर नये लोग आयेंगे, तो उनको हमें टिकट तो देना पड़ेगा? नये लोगों को मौका कैसे मिलेगा? इसलिए इस सब का कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
भाजपा को यूपीए गठबंधन से कितनी चुनौती है?
इससे कोई चुनौती नहीं है, क्योंकि यूपीए गठबंधन स्वार्थ का गठबंधन है. चुनाव में अकेले नहीं जा सकते है, इसलिए इकठ्ठे होकर लड़ रहे हैं. यूपीए परिपक्व गठबंधन नहीं है. सत्ता के लिए गठबंधन बना है, लेकिन झारखंड में यह कितने दिन चलेगा, उनके नेता साथ में रहेंगे या बाहर हो जायेंगे, यह बताना मुश्किल है. आप राजद को ही देख लीजिए. वह भी गठबंधन में ही है, लेकिन वह कितना खुश है यह बताने की जरूरत नहीं. यही स्थिति कांग्रेस और झामुमो की भी है. जनता में यूपीए गठबंधन को लेकर भरोसा नहीं है.
भाजपा का 65 प्लस का जो नारा है, उस पर पार्टी अब भी अडिग है?
निश्चित रूप से. क्योंकि यह नारा पार्टी के मजबूत जनाधार और सरकार के कामकाज के आकलन करने के बाद दिया गया है. वहां की जनता यह अच्छी तरह से जानती-समझती है कि पिछले पांच सालों में भाजपा की स्थायी सरकार ने जो काम किया है, वह अब तक नहीं हो पाया था. इसलिए 65 पार में किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं है. राज्य की जनता स्थायी और डबल इंजन की सरकार चाहती है. क्योंकि जनता जानती है कि स्थायी सरकार सिर्फ भाजपा ही दे सकती है.
यह भाजपा का ‘ऑवर कंफीडेस’ है या फिर जमीनी हकीकत?
देखिये, 2019 में भी जब हमलोग बोलते थे, तो यही कहा जाता था. लेकिन चुनाव परिणाम ने 2014 से 2019 में ज्यादा सीटें देकर उसे साबित किया. ऐसा ही झारखंड में भी होगा. क्योंकि यह सारी बातें वहां की जमीनी हकीकत देख कर बता रहा हूं. एक गांव में पांच-पांच हजार लाभार्थी है. उन सब का असर हर पंचायत ही नहीं गांव में भी है. हमारा नेटवर्क गांव-गांव में है. इसलिए यह ओवर कंफीडेंस नहीं, बल्कि हमने जो काम किया है, उस आधार पर यह बात बता रहा हूं.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel