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आज भी छाये रहेंगे बादल, पटाखों से होनेवाला प्रदूषण खतरनाक

रांची : दीपावली के दिन आकाश में बादल छाये रहेंगे. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, कहीं-कहीं छिटपुट बारिश भी हो सकती है. आकाश में बादल छाये रहने के कारण पटाखों से होने वाला प्रदूषण ज्यादा नुकसानदायक होगा.मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है विशेषकर झारखंड के दक्षिणी जिलों (पूर्वी सिंहभूम, प सिंहभूम, सिमडेगा तथा […]

रांची : दीपावली के दिन आकाश में बादल छाये रहेंगे. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, कहीं-कहीं छिटपुट बारिश भी हो सकती है. आकाश में बादल छाये रहने के कारण पटाखों से होने वाला प्रदूषण ज्यादा नुकसानदायक होगा.मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है विशेषकर झारखंड के दक्षिणी जिलों (पूर्वी सिंहभूम, प सिंहभूम, सिमडेगा तथा सरायकेला-खरसांवा) में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है. शेष भागों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है.

28 अक्तूबर के बाद मौसम साफ होने का अनुमान है. विभाग ने 30 अक्तूबर तक मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान किया है. राजधानी में आंशिक बादल छाये रहने का अनुमान है. मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी का अधिकतम तापमान 23 तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.
शनिवार को भी आकाश में बादल छाये रहे. कहीं-कहीं छिटपुट बारिश भी हुई. मौसम विभाग ने शनिवार को अधिकतम तापमान 21.2 तथा न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया. विभाग ने 0.4 मिमी बारिश भी रिकॉर्ड किया. लगातार तीन दिनों हुई बारिश के कारण तापमान गिर गया है. इससे लोगों को ठंड का एहसास भी हो रहा है. लोग मोटा कपड़ा पहनने लगे हैं.
रात 10 बजे तक ही पटाखा फोड़ने की अनुमति
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रात 10 बजे तक की पटाखा फोड़ने की अनुमति दी है. विभाग के अनुसार, दीपावली और छठ में आठ से 10 बजे रात तक ही पटाखे फोड़े जा सकते हैं.145 डेसिबल से अधिक आवाज वाले पटाखे वर्जित हैं. अस्पताल, शिक्षण संस्थान, न्यायालय व अन्य शांत घोषित इलाकों में 100 मीटर के अंदर पटाखा फोड़ना वर्जित होगा. बोर्ड के सचिव राजीव लोचन बख्शी के अनुसार, लोगों को हरित पटाखों को प्रोमोट करना चाहिए. लड़ीवाले पटाखे का प्रयोग ज्यादा करें.
कहीं-कहीं छिटपुट बारिश भी हो सकती है
क्या कहते हैं पर्यावरणविद : बीआइटी मेसरा के पर्यावरण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ आर नरेश कहते हैं कि बादल रहने से पटाखों से होने वाले प्रदूषण का फैलाव बदल जायेगा. आमतौर पर गर्म हवा ऊपर जाती है. पटाखों वाला धुआं आकाश साफ होने पर जल्द ऊपर चला जाता है. बादल रहने की स्थिति में इसका फैलाव क्षैतिज (होरिजेंटल) होता है. यह काफी देर तक मनुष्य की पहुंच में होता है.
इस कारण यह काफी नुकसानदायक होता है. पटाखा में पीएम-10 से लेकर पीएम-1 तक के कण होते हैं. यह सांस के माध्यम से मनुष्य के शरीर में चले जाते हैं. इसका हवा में ज्यादा देर तक रहना ठीक नहीं है. इसी तरह पटाखों से नाइट्रोजन और सल्फर गैस का रिसाव होता है. यह भी शरीर के लिए नुकसानदायक है.

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