रांची : राजधानी के होटल बीएनआर में आयोजित गोशाला संघ की बैठक में राज्यपाल द्रौपदी मुरमू भी शामिल हुई. मौके पर राज्यपाल को गोशाला संघ के सदस्यों ने समस्याओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज भी झारखंड में गोशालाओं का संचालन 1960 के एक्ट के तहत हो रहा है. इससे कई तरह की परेशानी हो रही है और गोशाला की जमीनों पर कब्जा हो रहा है. पशु चिकित्सकों का स्थायी पदस्थापन नहीं होने के कारण गोवंश का ठीक से इलाज नहीं हो पाता है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि गोवंश की सेवा बहुत बड़ा पुण्य का काम है.
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गोशाला संघ की मांगें जायज, करेंगे बात
रांची : राजधानी के होटल बीएनआर में आयोजित गोशाला संघ की बैठक में राज्यपाल द्रौपदी मुरमू भी शामिल हुई. मौके पर राज्यपाल को गोशाला संघ के सदस्यों ने समस्याओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज भी झारखंड में गोशालाओं का संचालन 1960 के एक्ट के तहत हो रहा है. इससे कई तरह की परेशानी […]
गाय हमारी माता है. इसकी सेवा का मौका जरूर लेना चाहिए. गोशाला संघ के सदस्यों ने जो मांगें रखी हैं, वह जायज हैं. सभी मुद्दों पर सरकार से बात की जायेगी. कोशिश होगी कि गो की सेवा करनेवालों को समय पर सुविधा मिले. जिससे वह आगे और भी बेहतर तरीके से कार्य कर सकें.
अाज भी रिक्त है गोसेवा आयोग : संघ के राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि झारखंड सरकार गठन के बाद चाकुलिया गोशाला के संचालक झुनझुनवाला को झारखंड गोसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था. श्री झुनझुवाला के निधन से यह पद रिक्त है.
सरकार को आयोग का पुनर्गठन करना चाहिए, इससे समस्याएं दूर होंगी. उन्होंने राज्य में गो कल्याण के लिए सीएम फंड विकसित करने की मांग की. इसमें एक करोड़ रुपये गोशाला संघ से देने का वादा किया. इस मौके पर बसंत कुमार मित्तल, प्रमोद सारस्वत, पवन कुमार, कन्हैया लाल, सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, चतुर्भूज खेमका और ज्योति बजाज आदि मौजूद थे.
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