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VIDEO : झारखंड विधानसभा चुनावों में BJP को हराने के लिए लोगों को जागरूक करेगी CPI : डी राजा

मिथिलेश झा रांची : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना हमारा एकमात्र उद्देश्य है. हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में है. दोनों राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम क्या होंगे, हमें नहीं मालूम. लेकिन, हम भाजपा को हराने में जुटे हैं. झारखंड में चुनावों की घोषणा जल्दी ही होगी. संभवत: नवंबर में यहां चुनाव […]

मिथिलेश झा

रांची : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना हमारा एकमात्र उद्देश्य है. हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में है. दोनों राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम क्या होंगे, हमें नहीं मालूम. लेकिन, हम भाजपा को हराने में जुटे हैं. झारखंड में चुनावों की घोषणा जल्दी ही होगी. संभवत: नवंबर में यहां चुनाव हों. झारखंड में हम मजबूती के साथ लड़ेंगे. भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने के लिए लड़ेंगे. ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए लड़ेंगे.

सत्ताधारी दल को पराजित करने के लिए किन दलों से गठबंधन करना है या सहयोग लेना है, इस पर आने वाले दिनों में हमारी स्टेट काउंसिल विचार करेगी. एक बार झारखंड विधानसभा चुनावों की घोषणा हो जाये, तो हम अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे. ये बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने prabhatkhabr.com को दिये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहीं.

श्री राजा ने कहा कि झारखंड में उनकी पार्टी के नेता तय करेंगे कि चुनावों में किसके साथ गठबंधन किया जाये. वे उन सीटों का चयन करेंगे, जहां लेफ्ट की स्थिति मजबूत है. फिर यह तय किया जायेगा कि सीपीआइ को किन-किन सीटों पर या कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. श्री राजा ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद ही पार्टी बता पायेगी कि वह कुल कितने सीटों पर विधानसभा के चुनाव लड़ेगी.

यह पूछे जाने पर कि झारखंड विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के मुद्दे क्या होंगे, श्री राजा ने कहा कि उनका पहला उद्देश्य भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को हराने के लिए लोगों को जागरूक करना है. चुनावों की घोषणा के बाद ही हम मुद्दे भी तय करेंगे. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के दौरान वामदलों को एक भी सीट नहीं दी थी, क्या वह इस बार उसके साथ गठबंधन करेंगे, भाकपा महासचिव ने कहा कि इस बारे में कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों किया. इस विषय में वह कुछ भी नहीं कहेंगे.

लोकसभा चुनावों के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) पर सवाल से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में श्री राजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस बात से सहमत है कि इवीएम में कुछ समस्या है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जब वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, तो देश की सर्वोच्च अदालत ने भी उनसे आंशिक रूप से सहमति जतायी. यही वजह है कि वीवीपैट की पांच पर्चियों का मिलान सुनिश्चित करने के आदेश उसने चुनाव आयोग को दिये. इसलिए इवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न है. देखते हैं इस मुद्दे पर आगे क्या होता है.

श्री राजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस वक्त संकट में है. उसके विचार संकुचित हो गये हैं. राजनीतिक रूप से वह सिकुड़ रही है. कम्युनिस्ट एकमात्र पार्टी है, जो भाजपा से लड़ रही है. विचारों के स्तर पर भी और धरातल पर भी. पूरे दम खम के साथ. आज तक किसी ने हमारी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े नहीं किये. लोगों को आज भी विश्वास है कि कम्युनिस्ट पार्टी ही उन्हें विकल्प दे सकती है.

डी राजा ने कहा कि गठबंधन के मामले में भी लेफ्ट पार्टियों ने मिसाल पेश की. जब यूपीए की सरकार हमारे समर्थन से चल रही थी, उसी वक्त सूचना का अधिकार कानून पास हुआ, नरेगा कानून बना. यहां तक कि लोगों को भोजन का अधिकार देने वाला कानून राइट टू फूड एक्ट भी उसी समय पास हुआ. भाजपा की वजह से संविधान खतरे में है, हमारा लोकतंत्र खतरे में है. इसकी सुरक्षा करना हम सबका दायित्व है.

नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन (एनआरसी) के मुद्दे को उन्होंने चुनावों में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए भाजपा का हथियार बताया. कहा कि मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए भाजपा ने यह मुद्दा उठाया है, क्योंकि पश्चिम बंगाल में चुनाव हैं. उनके निशाने पर सिर्फ मुस्लिम हैं. उन्होंने कहा कि वामदल इसे पूरे देश में कभी भी लागू नहीं होने देंगे. लेफ्ट पार्टियों ने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है कि यह सिर्फ असम के लिए था.

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