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रांची : निरसा थानेदार और आइओ पर होगी कार्रवाई

रांची : पश्चिम बंगाल के इसीएल झांझरा प्रोजेक्ट के कर्मी चिरंजीत घोष को गलत तरीके से धनबाद की निरसा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस मुख्यालय ने धनबाद के एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है. साथ ही मामले में निरसा थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह और […]

रांची : पश्चिम बंगाल के इसीएल झांझरा प्रोजेक्ट के कर्मी चिरंजीत घोष को गलत तरीके से धनबाद की निरसा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस मुख्यालय ने धनबाद के एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है.
साथ ही मामले में निरसा थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह और अनुसंधानकर्ता जुएल उरांव के खिलाफ धनबाद एसएसपी के निर्देश पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. वहीं, धनबाद के ग्रामीण एसपी अमन कुमार को मामले में जांच करने की जवाबदेही सौंपी गयी है. इसकी पुष्टि वरीय अधिकारी ने की है.
बता दें कि निरसा पुलिस की गलती के कारण निर्दोष चिरंजीत को 27 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. पुलिस द्वारा कोर्ट में तथ्य की भूल बताने पर चिरंजीत एक अक्तूबर को जेल से रिहा हुआ था.
25 अगस्त 2019 की देर रात निरसा थाना से करीब दो किलोमीटर दूर देवियाना गेट एनएच टू के समीप एक टवेरा गाड़ी से पुलिस ने 39 किलो गांजा पकड़ा था. निरसा थानेदार उमेश सिंह ने गांजा तस्करी के आरोप में चिरंजीत घोष सहित पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी. इस केस का अनुसंधानकर्ता एएसआइ जुएल गुड़ियां को बनाया गया था.
उन्होंने बिना जांच किये और केस का सुपरविजन के बाद चार सितंबर को चिरंजीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. मामले में इसीएलकर्मी चिरंजीत घोष की कांस्टेबल पत्नी श्रावणी शेवाती ने बंगाल के डायमंड हार्बर में तैनात रहे एसडीपीओ मिथुन कुमार डे, निरसा थानेदार और एक कोल माफिया पर आरोप लगाये थे. एसडीपीओ से संबंधित कुछ ऑडियो और मैसेज भी पुलिस के हाथ लगे हैं.

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