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चरम पर दुर्गा पूजा का उत्साह, पूजा मेले में 17.40 करोड़ रुपये से अधिक का धन बरसा

रांची : दुर्गा पूजा का उत्साह चरम पर है. छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग भी पीछे नहीं है. इस बार बारिश ने लोगों को थोड़ा मजा जरूर किरकिरा किया, लेकिन इससे दुर्गा पूजा मेला की रौनक पर कोई असर नहीं पड़ा. मेला में लोगों ने जमकर खरीदारी की़. वहीं विभिन्न पूजा समितियों ने […]

रांची : दुर्गा पूजा का उत्साह चरम पर है. छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग भी पीछे नहीं है. इस बार बारिश ने लोगों को थोड़ा मजा जरूर किरकिरा किया, लेकिन इससे दुर्गा पूजा मेला की रौनक पर कोई असर नहीं पड़ा. मेला में लोगों ने जमकर खरीदारी की़. वहीं विभिन्न पूजा समितियों ने लोगों काे आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. पंडाल बनाने से लेकर प्रतिमा और लाइटिंग में करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. वहीं, मेला घूमने के बाद भूख लग जाये, तो पंडाल परिसर में ही विभिन्न आइटमों के स्टॉल लगाये गये हैं. लोगों की इस मस्ती को दोगुना करने के लिए लॉटरी कूपन भी जगह-जगह मिल रहे हैं.

इसके माध्यम से लोगों को कार, बाइक से लेकर तरह-तरह के इनाम जीतने का मौका मिल रहा है. पूजा पंडाल, प्रतिमा, लाइटिंग, झूले, खिलौने, फूड आइटम से होने वाली बिक्री से मेला में धन भी बरस रहा है. छोटे-छोटे विक्रेता से लेकर मजदूर सभी खुश हैं. सभी प्रकार के खर्च को शामिल करें, तो राजधानी में कुल लगभग 17.40 करोड़ रुपये से अधिक का धन बरसा.
शहर में पंडालों और प्रतिमा पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च
रांची. रांची शहरी क्षेत्र में दुर्गोत्सव के वृहद आयोजन में लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. यह खर्च सिर्फ पंडाल निर्माण, प्रतिमा और लाइटिंग का है. रांची शहरी क्षेत्र में कुल 151 पंडाल बनाये गये हैं. इनमें से शहर के सिर्फ 14 प्रमुख पंडालों पर ही साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.
छोटे पंडालों में अौसतन पांच लाख का खर्च आया है. जबकि बड़े पंडालों के निर्माण में अौसतन 10 से 15 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. ग्रामीण इलाके में पूजा के आयोजन में 1.5 लाख से दो लाख रुपये खर्च किये गये हैं. कई पूजा पंडाल का खर्च इससे दोगुना से भी अधिक है. ग्रामीण इलाके में कुल 159 पंडाल बनाये गये हैं.
कहां-कहां जाता है यह पैसा
पंडाल निर्माण कर रहे कारीगर, मूर्तिकार, लाइट लगानेवाले कारीगर, रसोईया, पुरोहित, ढाक-बाजा, वाहन मालिक, साउंड सिस्टम, सुरक्षा एजेंसी सहित अन्य जगहों पर यह पैसा खर्च होता है.
प्रमुख समितियों का खर्च
नवयुवक संघ, बकरी बाजार 50 लाख
रांची रेलवे स्टेशन पूजा समिति 35 लाख
चंद्रशेखर आजाद क्लब, मेन रोड 30 लाख
आरआर स्पोर्टिंग, रातू 30 लाख
पूजा समिति, बांधगाड़ी 27 लाख
पंच मंदिर, हरमू 27 लाख
राजस्थान मित्र मंडल 27 लाख
सत्य अमर लोक, हरमू रोड 20 लाख
गीतांजलि 18 लाख
विनेक्स क्लब, बरियातू 16 लाख
नेताजी नगर पूजा समिति 13 लाख
ज्योति संगम दुर्गा पूजा समिति 12 लाख
त्रिकोण हवन कुंड 12 लाख
चर्च रोड पूजा समिति 11 लाख
प्रमुख पंडालों में प्रतिमा पर खर्च
आरआर स्पोर्टिंग, रातू 3.50 लाख
नवयुवक संघ, बकरी बाजार 3.00 लाख
सत्य अमरलोक, हरमू 2.75 लाख
ओसीसी क्लब, रांची लेक 2.51 लाख
रांची रेलवे स्टेशन पूजा समिति 2.51 लाख
श्री दुर्गा पूजा समिति, बांधगाड़ी 2.51 लाख
पंच मंदिर, हरमू 2.51 लाख
40.10 लाख रुपये से अधिक का लॉटरी कूपन का कारोबार
रांची़ दुर्गा पूजा का उत्साह चरम पर है. कोई दोस्तों के साथ, तो कोई अपने परिवार के साथ अलग-अलग पंडाल घूम रहे हैं. जिधर देखिये, लोगों को हुजूम नजर आ रहा है. त्योहार के इस उत्साह को दोगुना करने के लिए विभिन्न पूजा समितियां भी पीछे नहीं हैं. पूजा घूमने के साथ-साथ लोग सपनों का ड्रीम कार भी जीत सकते हैं. 50 रुपये के लॉटरी कूपन में कार, तो पांच रुपये के कूपन में आप मोटरसाइकिल जीत सकते हैं.
इसके अलावा रेफ्रिजरेटर, टीवी, वाशिंग मशीन, साउंड सिस्टम, आयरन, प्रेशर कुकर आदि जीत सकते हैं. विभिन्न पूजा समिति के आयोजकों के अनुसार, इस बार राजधानी में केवल लॉटरी कूपन का कारोबार लगभग 40.10 लाख रुपये से अधिक का है. अकेले छह बाजार समितियों में ही यह कारोबार लगभग 30.10 लाख रुपये का है.
भारतीय युवक संघ, बकरी बाजार में कार जीतने का मौका
भारतीय युवक संघ, बकरी बाजार में कार जीतने का मौका मिल रहा है. बकरी बाजार में एक कूपन की कीमत 50 रुपये, कल्पना लोक, पिंजड़ापोल के एक कूपन की कीमत 10 रुपये, सत्य अमर लोक का 20 रुपये, राजस्थान मित्र मंडल का 25 रुपये, चंद्रशेखर आजाद पूजा समिति का 20 रुपये, ओसीसी क्लब पूजा समिति के एक कूपन की कीमत पांच रुपये है. अन्य पूजा समितियों में भी लॉटरी कूपन की बिक्री होती है.
खाने पर 1.15 करोड़ से अधिक खर्च का अनुमान
रांची. दुर्गा पूजा में मेला घूमने के साथ-साथ खान-पान का भी लोग आनंद ले रहे हैं. पूजा समितियों के पंडाल परिसर से लेकर बाहर विभिन्न जगहों पर अस्थायी फूड स्टॉल लगे हैं. विभिन्न बाजार समितियों के स्टॉल धारकों के अनुसार पूजा के दौरान कुल पांच से छह दिनों में राजधानी में लोगों द्वारा खाने पर लगभग 1.15 करोड़ से अधिक खर्च करने का अनुमान है.
इसमें अकेले बकरी बाजार परिसर में लगे फूड स्टॉल में हर दिन लगभग पांच लाख रुपये की बिक्री हो रही है. जबकि सत्य अमर लोक में दो लाख रुपये, राजस्थान मित्र मंडल परिसर के स्टॉल में लगभग 1.25 लाख रुपये, ओसीसी क्लब में लगे स्टॉल परिसर में हर दिन लगभग 75,000 रुपये की बिक्री हो रही है.
राजधानी में 130 से अधिक पूजा समिति
राजधानी में 130 से अधिक पूजा समिति हैं. इनमें पांच पूजा समिति के परिसर में स्थित अस्थायी फूड स्टॉल से ही पांच से छह दिनों में कुल कारोबार लगभग 53 लाख रुपये का होगा. जबकि 125 पूजा समिति के आसपास लगे ठेला में बिक रहे 62.50 लाख रुपये से अधिक के खाद्य सामग्री की बिक्री होने का अनुमान है.
बाजार में कौन-काैन से आइटम हैं और कितनी है कीमत
दो पीस समोसा और दो पीस जलेबी : 20 रुपये
छोला-भटूरा : 70 रुपये
नान सब्जी : 100 रुपये
डोसा, चाउमिन, पावभाजी : 70 रुपये
वेज मोमो और दही बड़ा : 50 रुपये
घी लिट्टी (दो पीस) : 60 रुपये
सादा लिट्टी (दो पीस) : 50 रुपये
सोयाबीन का वेज सिक कवाब : 30 रुपये
इसके अलावा बाजार में पनीर चिल्ली, वेज कवाब, स्टफ टिकिया, पॉप कॉर्न, गोलगप्पा, आइसक्रीम सहित कई खाद्य सामग्रियां मिल रही हैं. अलग-अलग जगहों पर इनकी कीमत में अंतर हो सकता है.
लगभग 25 लाख रुपये का होगा झूलों का कारोबार
रांची. दुर्गोत्सव का नशा शहरवासियों के सिर चढ़कर बोल रहा है. लोग अपने परिजनों व छोटे-छोटे बच्चों संग शाम ढलते ही शहर के पूजा पंडाल घूमने के लिए निकल रहे हैं. शहर के विभिन्न पूजा पंडाल परिसर में पूजा समितियों द्वारा बच्चों व बड़ों के लिए आकर्षक झूले लगाये गये हैं. लोग जम कर इसका लुत्फ उठा रहे हैं.
हर प्रकार के झूले हैं उपलब्ध
आयोजन समिति के सदस्य और झूला लगाने वाले कर्मचारियों का कहना है कि अगर मौसम ठीक-ठाकरहता है, तो बड़े झूले से एक दिन में 1-1.5 लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है.
सप्तमी से लेकर दशमी तक पांच-छह लाख तक की कमाई कर लेते हैं. वहीं छोटे झूले से दिन भर में 3,000-5,000 रुपये तक की कमाई होती है. शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में लगाये गये इन झूलों से लगभग 20-25 लाख रुपये का कारोबार होगा. बकरी बाजार एवं हरमू स्थित पंच मंदिर में बड़ा झूला लगाया गया है.
40 से लेकर 70 रुपये तक है चार्ज
मेला स्थल में तोरा-तोरा झूले से लेकर ब्रेक डांस और बच्चों के लिए मिक्की माउस से लेकर कार एवं हेलीकॉप्टर तक उपलब्ब्ध है. हालांकि, अलग-अलग पूजा पंडालों में झूले की दर अलग-अलग है. बकरी बाजार में झूले की दर 40 रुपये से शुरू है.
वहीं, हरमू पंच मंदिर में यह दर 20 से लेकर 50 रुपये तक है. वहीं, ओसीसी क्लब, राजस्थान मित्र मंडल, चंद्रशेखर आजाद क्लब में छोटे-छोटे बच्चों के लिए लगाये गये झूले की दर 10-20 रुपये है.
15 लाख रुपये से अधिक के खिलाैनों की होगी खरीदारी
रांची. दुर्गापूजा पंडालों के आसपास खिलौनों के छोटे-छोटे स्टॉल लगे हैं. खिलौनाें के स्टॉल पर सबसे ज्यादा चाइनीज खिलौना की डिमांड है. यहां सभी प्रकार के अत्याधुनिक व इलेक्ट्राॅनिक खिलौने उपलब्ध हैं.
सबसे ज्यादा बकरी बाजार, आरआर स्पोर्टिंग, रेलवे स्टेशन के पूजा पंडाल के आसपास व मेन रोड में खिलौनाें का स्टॉल लगाया गया है. बकरी बाजार पूजा पंडाल के पास खिलौनाें का स्टॉल लगानेवाले सोनू ने बताया कि उसके पास 50 रुपये से 1000 रुपये तक के खिलौने हैं.
पूजा पंडाल घूमने आये लोग अपनी बजट के हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं. सोनू ने बताया कि पूजा पंडाल के आसपास करीब 20 से 25 खिलौना बेचने वाले हैं. एक दिन में 2,000 से 3,000 रुपये की बिक्री होती है. राजधानी के सभी पूजा पंडाल को मिला दें, तो लगभग 500 दुकानें होगी. इस हिसाब से यह कारोबार लगभग 15 लाख रुपये का होता है.

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