Advertisement
रांची के एक लाख से अधिक भवन नहीं हो सकेंगे वैध
रांची : कैबिनेट द्वारा बिना नक्शा के बने भवनों को नियमित करने के फैसले के बाद भी राजधानी में एक लाख से अधिक भवन वैध नहीं होंगे. केवल वैसे ही आवासीय निर्माण को वैध किया जायेगा, जिनकी जमीन का पूरा मालिकाना हक मौजूद हो. आदिवासी जमीन, सरकारी भूमि या अतिक्रमण की गयी जमीन पर किया […]
रांची : कैबिनेट द्वारा बिना नक्शा के बने भवनों को नियमित करने के फैसले के बाद भी राजधानी में एक लाख से अधिक भवन वैध नहीं होंगे. केवल वैसे ही आवासीय निर्माण को वैध किया जायेगा, जिनकी जमीन का पूरा मालिकाना हक मौजूद हो.
आदिवासी जमीन, सरकारी भूमि या अतिक्रमण की गयी जमीन पर किया गया निर्माण वैध नहीं होगा. कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक, बिना नक्शा के बनाये गये ऐसे भवन, जो 5000 वर्गफीट (जी प्लस टू आवासीय) तक के क्षेत्रफल में होंगे, उन्हें निर्धारित शुल्क देकर वैध कराया जा सकेगा. इसके लिए जमीन पर आवेदक का निर्विवाद अधिकार होना आवश्यक है.
1.80 लाख में से सिर्फ 30 हजार मकान का नक्शा पास : रांची शहर में 1.80 लाख से अधिक मकान हैं. इनमें से मात्र 30 हजार भवनों के ही नक्शे पास हैं. शहर में डेढ़ लाख से अधिक ऐसे मकान हैं, जिनका नक्शा निगम से स्वीकृत नहीं है.
इन डेढ़ लाख भवनों में से एक लाख से अधिक मकान ऐसे हैं, जो आदिवासी जमीन पर बने हुए हैं या जमीन पर किसी तरह का विवाद है. ऐसे भवन मालिकों को सरकार के इस फैसले का लाभ नहीं मिलेगा.सरकार द्वारा लिये गये इस फैसले के तहत भवन मालिकों को अपने भवन को रेगुलराइज करने के लिए 20 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से फाइन जमा करना होगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement