रांची : हाइकोर्ट में गुरुवार को रांची-जमशेदपुर एनएच-33 के फोर लेनिंग को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने एनएचएआइ को काम में तेजी लाने आैर समय-सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया.
कहा कि लक्ष्य आपने तय किया है, इसलिए गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य पूरा करें. यह भी कहा कि निर्धारित किये गये चारों फेज के वर्क प्रोग्राम पर ठोस काम होना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि जितना काम हुआ है, उसकी ही रिपोर्ट दी जाये. अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी.
इस दाैरान खंडपीठ ने एनएचएआइ को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. एनएच के किनारे पाैधारोपण के मामले में कहा कि सिर्फ एनएच-33 ही नहीं राज्य के अन्य एनएच व स्टेट हाइवे कहां-कहां बनाये जा चुके हैं, वहां पाैधरोपण किया गया है या नहीं, इसकी जानकारी भी दी जाये. एनएचएआइ की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि एनएच-33 के चार चरण में से तीन फेज पर काम शुरू हुआ है.
कुछ जगहों पर जमीन अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है. सुपरविजन कंसल्टेंट की नियुक्ति 30 अगस्त तक हो जायेगी. सड़क निर्माण कार्य सही गति से चल रहा है. हालांकि बरसात के कारण कार्य प्रभावित होता है, इसे देखते हुए कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए लंबा समय देने का आग्रह किया.
पौधरोपण मामले में मांगी रिपोर्ट : अधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि एनएच-33 के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे गये हैं, लेकिन पौधरोपण नहीं किया गया है. कई जगहों पर सड़क फोरलेन की जा चुकी है.
वहां पर भी सड़क के किनारे पाैधे नहीं लगाये गये हैं. एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि फोर लेनिंग का काम पूरा होने के बाद पौधरोपण होगा. खंडपीठ ने सरकार व एनएचएआइ को पौधरोपण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. यह भी कहा कि राज्य में एनएच व स्टेट हाइवे के जितने क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम पूरा हो गया है, वहां पौधरोपण किया गया है या नहीं, जानकारी दी जाये.
