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किसान की मौत का मामला : परिजनों ने कहा, बकाया राशि नहीं मिलने पर रिश्तेदारों से लिया कर्ज

चान्हो : लखन महतो के परिजनों की मानें तो उसने कूप निर्माण के लिए अपने बड़े साला भरनो के तुरिअम्बा निवासी हरि महतो से 80 हजार, रिश्ते के दामाद इटकी भंडरा के श्याम महतो से 40 हजार व बहनोई तोरपा के कुंदरी निवासी बीरबल महतो से 30 हजार रुपये कर्ज लिया था, जिसे वह चुका […]

चान्हो : लखन महतो के परिजनों की मानें तो उसने कूप निर्माण के लिए अपने बड़े साला भरनो के तुरिअम्बा निवासी हरि महतो से 80 हजार, रिश्ते के दामाद इटकी भंडरा के श्याम महतो से 40 हजार व बहनोई तोरपा के कुंदरी निवासी बीरबल महतो से 30 हजार रुपये कर्ज लिया था, जिसे वह चुका नहीं पाया था. अौर उन्हें ब्लॉक से कुएं का भुगतान मिलने के बाद पैसा चुका देने का आश्वासन देता रहता था.

इधर, लखन महतो की मौत को लेकर चान्हो थाना में उसके 17 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार के बयान पर अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में लखन महतो की मौत कुएं में गिरने से व इसमें किसी का दोष नहीं होने की बात कही गयी है.

मुखिया ने कहा, काफी पैसा बकाया था
पतरातू पंचायत के मुखिया अनिल भगत ने कहा कि कूप निर्माण में लखन महतो का काफी पैसा बकाया था, जिसका एफटीओ हो चुका था. मद में पैसा आते ही उनके पैसों का भुगतान हो जाता. अभी रोपा डोभा का समय है. हो सकता है उन्हें पैसों की दिक्कत रही हो. लेकिन उनकी मौत कुएं में गिरने से हुई या फिर उन्होंने आत्महत्या की इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
निदेशक को करना पड़ा विरोध का सामना
लखन महतो के परिजनों से मिलने पहुंचे चान्हो बीडीओ व सीओ के साथ आइटीडीपी के निदेशक अवधेश पांडे को पतरातू गांव में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा.
ग्रामीणों का कहना था कि प्रखंड कार्यालय की लापरवाही के कारण लखन महतो की मौत हुई है. समय रहते बकाया पैसों का भुगतान हो जाता तो उसे जान नहीं देनी पड़ती. ग्रामीणों ने चान्हो बीडीओ के खिलाफ नारेबाजी भी की. इस बीच वहां विधायक गंगोत्री कुजूर व जिप सदस्य हेमलता उरांव भी पहुंचीं.
उनके समक्ष ही आइटीडीपी के निदेशक ने ग्रामीणों को समझा कर शांत किया कि रांची उपायुक्त ने उन्हें भेजा है. कहा कि पूर्व में पतरातू गांव से लखन महतो सहित मनरेगा के 18 लाभुकों की जो सूची जिला को भेजी गयी थी, उनके बकाया राशि का भुगतान बुधवार से पहले कर दिया जायेगा.
रांची उपायुक्त के निर्देश पर जांच करने गयी दो सदस्यीय टीम ने कहा –नशा करता था लखन महतो, कुएं में गिरने से हुई मौत
रांची़ चान्हो के पतरातू गांव के लखन महतो की मौत कुएं में गिरने की वजह से हुई है. लखन की मौत के बाद उपायुक्त ने दो सदस्यीय जांच दल गठित कर चान्हो भेजा था. जांच की जिम्मेदारी आइटीडीए निदेशक अवधेश पांडेय व जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा को दी गयी थी.
दोनों पदाधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया और मृतक के परिजनों व अन्य से पूछताछ भी की. पूछताछ के आधार पर बताया कि लखन नशापान करता था.श्री पांडेय ने यह भी बताया कि अासपास के लोगों, परिजनों व मुखिया ने लखन पर किसी तरह का कर्ज होने और आत्महत्या करने की बात से इंकार किया है.
वहीं, लखन महतो के बेटे ने चान्हो थाना में मामला दर्ज कराया है जिसमें पिता की मौत कुएं में डूबने से होने का जिक्र है. प्राथमिकी में यह भी कहा है कि उसके पिता की मौत में किसी का दोष नहीं है.वर्ष 2017-18 में मनरेगा के तहत मिला कुआं : श्री पांडेय ने पूछताछ के आधार पर बताया कि लखन महतो को मनरेगा के तहत वर्ष 2017-18 में एक कुआं मिला था.
15 दिसंबर 2017 को इससे संबंधित एग्रीमेंट हुआ था और जनवरी 2018 से उन्होंने काम शुरू किया था. वर्तमान में कुआं पूर्ण है और पास में शिलापट्ट भी है जिसमें 13 जुलाई 2019 में पूरी होने संबंधी बातों का जिक्र है. इससे प्रतीत होता है कि कुएं का काम 13 जुलाई को पूर्ण हुआ है.
23 जुलाई को भी 23 हजार का भुगतान हुआ है : श्री पांडेय ने बताया कि कुएं के निर्माण के लिए 3 लाख 54 हजार में से 2 लाख 1 हजार 554 रुपये लखन को मिल चुके थे. 23 जुलाई को उन्हें 49 हजार और भुगतान किया गया है. घर की आर्थिक स्थिति बुरी नहीं है.
डेढ़ एकड़ खेत में करैला और अदरक की अच्छी खेती है. घर पक्का है. घर में अनाज की बोरी (30 केजी) है, जो पिछले सप्ताह डीलर के यहां से उठाया गया था. घर में पानी की भी अच्छी व्यवस्था है, मोटर और टंकी भी लगी है.
सरकार की नीति के कारण एक और किसान ने दे दी जान : हेमंत
रांची़ चान्हो में किसान लखन महतो की मौत पर ट्विट कर नेता प्रतिपक्ष व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार की नीयत और नीति से एक और किसान को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा.
आखिर कब तक राज्य के अन्नदाता भाजपा सरकार की लचर व्यवस्था, कमीशनबाजी, सौतेलेपन और झूठ का भोगी बनते रहेंगे. सरकार ने किसानों को जम कर ठगा. सुखाड़ के कारण किसान परेशान हैं. बैंक लोन के कारण आत्महत्या कर रहे हैं. मगर सरकार ने फसल बीमा के नाम पर कंपनियों की झोली भरी. किसानों का हजारों करोड़ का क्लेम अभी तक नहीं चुकाया गया है. अन्नदाताओं को ठगना भाजपा को महंगा पड़ेगा.
करीब 300 किसानों को बकाया राशि का नहीं हो सका है भुगतान
पतरातू गांव में मनरेगा के कूप निर्माण में मृतक लखन महतो के बकाया राशि का भुगतान नहीं होने का अकेला मामला नहीं है. ग्रामीणों के अनुसार इस पंचायत में जगदीप महतो, मुरारी महतो, प्रयाग महतो, कृष्णा महतो, रामदास महतो, दिलेश्वर महतो व देवेंद्र उरांव सहित दो दर्जन से अधिक लाभुक ऐसे हैं. जिनका कुआं का निर्माण पूरा हो जाने के बाद अब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
वे भी बकाया राशि के भुगतान के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं. चान्हो बीडीओ संतोष कुमार ने भी स्वीकार किया कि मनरेगा मद में राशि के अभाव में प्रखंड में करीब 300 किसानों की बकाया राशि का भुगतान नहीं हो पाया है.

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