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रांची आसपास के 37 गांवों का अभिलेख गायब : बंधु
एक आदमी के नाम पर बनायी जा रही है तीन-चार वंशावली रांची : झाविमो के केंद्रीय महासचिव बंधु तिर्की ने कहा है कि रांची के आसपास के 37 गांवों का खतियान फाड़ दिया गया है. अभिलेख गायब है. अभिलेखागार में अभिलेख नहीं मिल रहे हैं. यहां रैयतों की जमीन से संबंधी कागजात सुरक्षित नहीं है. […]
एक आदमी के नाम पर बनायी जा रही है तीन-चार वंशावली
रांची : झाविमो के केंद्रीय महासचिव बंधु तिर्की ने कहा है कि रांची के आसपास के 37 गांवों का खतियान फाड़ दिया गया है. अभिलेख गायब है. अभिलेखागार में अभिलेख नहीं मिल रहे हैं. यहां रैयतों की जमीन से संबंधी कागजात सुरक्षित नहीं है. सरकार की ओर से खतियान को अपडेट नहीं किया गया है. खतियान में रैयतों के नाम व जमीन संबंधी विवरण में काफी गड़बड़ी है़
रांची आसपास के मौजा में एक आदमी के नाम पर तीन-चार वंशावली बनायी जा रही है. इससे रैयतों की जमीन उसके हाथ से निकल जा रही है. जानकार लोग हेरफेर कर कमजोर रैयतों की जमीन लूट रहे हैं. श्री तिर्की रविवार को झाविमो कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सरकार वोट बैंक की चिंता कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि इटकी प्रखंड के रानीडीह गांव में 25 एकड़ गैरमजरुआ जमीन की रसीद कैसे कट गयी. गुमला चमड़ा गोदाम की रसीद कैसे काटी गयी. पिठोरिया में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी के नाम गैरमजरुआ जमीन का हस्तांतरण कैसे हुआ. सरकार बताये कि देवाशीष गुप्ता, खंडेलवाल कमेटी व बाजारा मौजा की गैरमजरुआ जमीन की जांच को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने क्या कहा है.
न्यायालय के आदेश के बावजूद 1900 दखल-दिहानी के मामले लंबित हैं. इस पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि सर्वे सेटलमेंट मैनुअल कानून के तहत पिछला सर्वे से 30 वर्ष के अंतराल में रैयत को पर्चा दे देना है.
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