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रांची : हस्तक्षेप याचिका दायर करनेवालों को जवाब दायर करने का निर्देश
मामला राज्य सरकार की नियोजन नीति व हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को चुनौती देने का रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार की नियोजन नीति व हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की […]
मामला राज्य सरकार की नियोजन नीति व हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को चुनौती देने का
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार की नियोजन नीति व हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए हस्तक्षेप याचिका दायर करनेवालों को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इसके लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया.
खंडपीठ ने हस्तक्षेप याचिकाकर्ताअों के जवाब को देखते हुए मौखिक रूप से कहा कि सरकार ने जवाब दायर कर दिया है. हस्तक्षेपकर्ता भी अपना जवाब दायर करें.
मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने तीन सप्ताह के बाद तिथि तय करने को कहा. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता ललित कुमार सिंह ने बताया कि लगभग 100 से अधिक हस्तक्षेप याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी पलामू की सोनी कुमारी ने याचिका दायर कर राज्य सरकार की नियोजन नीति को चुनौती दी है. राज्य सरकार ने 13 जिलों में चतुर्थवर्गीय व तृतीय वर्गीय पदों को उसी जिले के स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए शत प्रतिशत रिजर्व कर दिया है. 11 जिलों के चतुर्थवर्गीय व तृतीय वर्गीय पदों को रिजर्व नहीं किया गया है.
इन 11 जिलों के अभ्यर्थी रिजर्व किये गये 13 जिलों में आवेदन नहीं कर सकते हैं, जबकि 13 अनुसूचित जिलों के निवासी 11 जिलों के पदों पर आवेदन कर सकते हैं. साथ ही प्रार्थी ने सरकार की नियोजन नीति के आलोक में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की अोर से संचालित संयुक्त स्नातक स्तरीय हाइस्कूल शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा के विज्ञापन को निरस्त करने की मांग की है.
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