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रांची :नक्सलियों के नाम पर पीएम को मिली धमकी, लोकतंत्र के महापर्व में हमेशा खलल डालते रहे हैं

भाकपा माओवादी के नाम पर भेजा गया है पत्र रांची : भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को धमकी दी गयी है. धमकी के बाद गृह विभाग के अपर सचिव रवि शंकर वर्मा ने अति विशिष्ट व्यक्तियों प्रधानमंत्री और राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर विशेष अलर्ट किया […]

भाकपा माओवादी के नाम पर भेजा गया है पत्र
रांची : भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को धमकी दी गयी है. धमकी के बाद गृह विभाग के अपर सचिव रवि शंकर वर्मा ने अति विशिष्ट व्यक्तियों प्रधानमंत्री और राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर विशेष अलर्ट किया है. इसके साथ ही गृह विभाग ने सीआइडी, स्पेशल ब्रांच और एडीजी अभियान को पत्र भेज कर मामले की गहनता से जांच कराने का निर्देश दिया है.
पत्र में आगे इस बात का उल्लेख है कि पत्र में वर्णित धमकी अत्यंत ही गंभीर प्रवृत्ति की है. इसलिए पत्र भेजने वाले असामाजिक तत्व को चिह्नित और जांच कर प्राथमिकता के आधार पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाये.
उल्लेखनीय है कि हाल में नक्सलियों के नाम पर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेज कर प्रधानमंत्री, राज्यपाल और गिरिडीह नगर थाना को उड़ाने की धमकी दी गयी थी. पत्र में गिरिडीह नगर थाना को बंद करने की चेतावनी दी गयी थी. पत्र भेजने वाले ने खुद को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का सदस्य बताया था. पत्र में अंत में रवींद्र वर्मा, अंजनी कुमार और मंटू लिखा हुआ था. और पता गिरिडीह का बरमसिया बताया गया था.
गृह विभाग के अपर सचिव श्री वर्मा ने पुलिस अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि लोकसभा चुनाव के कारण प्रधानमंत्री एवं अन्य राजनेताओं द्वारा राज्य के अनेक हिस्सों में भ्रमण की संभावना है. ऐसे में उक्त लोगों की सुरक्षा हेतु विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.
भाकपा माओवादियों के नाम पर जो पत्र भेजा गया है, उस पत्र की विषयवस्तु के संबंध में गहनता से जांच कर रिपोर्ट गृह विभाग को उपलब्ध करायी जाये. उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी भाकपा माओवादी के नाम पर राज्यपाल सहित अन्य लोगों को धमकी देने का मामला सामने आ चुका है. पहले भी पत्र गिरिडीह से ही भाकपा माओवादियों के नक्सलियों के नाम पर भेजा गया था.
लोकतंत्र के महापर्व में हमेशा खलल डालते रहे हैं नक्सली
रांची़ : लोकतंत्र के महापर्व (लोकसभा चुनाव) में प्रतिबंधित नक्सली संगठनों द्वारा खलल डालने की कोशिश हमेशा की जाती रही है. चुनाव के दौरान उन्हें जब भी मौका मिला है अपने मिशन को अंजाम देने में चूके नहीं हैं.
इस बार के लोकसभा चुनाव को भी प्रभावित करने की लगातार कोशिश नक्सलियों द्वारा की जा रही है. इसी कड़ी में गिरिडीह जिले के देवरी थाना क्षेत्र के भेलवाघाटी में पुलिस और माओवादी दस्ता के बीच 15 अप्रैल को मुठभेड़ होना इस बात को साबित करता है. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया. जबकि तीन माअोवादी मारे गये. इसी तरह 2014 के लोकसभा चुनाव में दुमका के शिकारीपाड़ा में चुनाव संपन्न करा चुनाव कर्मी बस से वापस लौट रहे थे. इसी दौरान माओवादियों ने लैंडमाइंस विस्फोट कर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. इसमें पांच सुरक्षाकर्मी समेत आठ मतदानकर्मी मारे गये थे.
विस्फोटकाें के जखीरा से तैयारी का अंदाजा : दुमका जिले के नक्सल प्रभावित काठीकुंड प्रखंड के लकड़ापहाड़ी गांव में 05 मार्च 2019 को पुलिस ने 60 क्रूड बम (देशी ग्रेनेड) समेत तकरीबन 12 किलो विस्फोटक बरामद करने में सफलता हासिल की थी.
पुलिस के मुताबिक 12 किलो विस्फोटकों में 10 किलो टीइटीएन और 2 किलो लाल रंग का विस्फोटक शामिल है. एसपी ने कहा कि क्रूड बम के इस्तेमाल से जान-माल को भारी क्षति हो सकती थी. इससे पूर्व 27 फरवरी को पुलिस काठीकुंड के जोड़ाआम से भी बड़ी मात्रा में विस्फोटक जब्त की थी.
लोकसभा चुनाव के पहले बड़ी तादाद में नक्सलियों के पास से बड़ी तादाद में विस्फोटकों का मिलना दर्शाता है कि नक्सली चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इन सबके बीच नक्सलियों के मंसूबे पर पानी फेरने का काम सुरक्षाबलों द्वारा लगातार किया जा रहा है.

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