रांची : सुप्रीम कोर्ट ने पलामू जिले के बकोरिया में 2015 में सुरक्षा बलों व माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ की सीबीआइ जांच का रास्ता फिर से साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार की स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. कोर्ट सरकार के आग्रह को नामंजूर कर दिया.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने कहा कि हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं, इसलिए यह खारिज की जाती है. बता दें कि पलामू के सतबरवा ओपी क्षेत्र में हुए बकोरिया मुठभेड़ कांड की 22 अक्तूबर, 2018 को झारखंड हाइकोर्ट ने सीबीआइ जांच का आदेश दिया था.
- राज्य सरकार ने सीआइडी की जांच को सही बताते हुए सीबीआइ जांच पर रोक लगाने की मांग की थी
- मुठभेड़ में मारे गये पारा शिक्षक के पिता ने राज्य पुलिस और सीआइडी की जांच पर सवाल उठाया था
- अक्तूबर में हाइकोर्ट ने बकोरिया मुठभेड़ कांड की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था
क्या था हाइकोर्ट का आदेश
मुठभेड़ में मारे गये पारा शिक्षक उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने झारखंड पुलिस और सीआइडी की जांच पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश में कहा था कि पुलिस और सीआइडी पर प्रार्थी ने सवाल खड़ा किया है. इन जांच एजेंसियों पर से लोगों का विश्वास डिग रहा है. उसे वापस लाने के लिए मामले की स्वतंत्र जांच जरूरी है. जांच एजेंसी पर विश्वास कायम रहे, इसलिए मामले की सीबीआइ जांच जरूरी है.
बकोरिया कांड के मृतकों की सूची
उदय यादव, योगेश कुमार यादव, चालक एजाज अहमद, अमलेश यादव, देवराज यादव उर्फ अनुराग उर्फ डॉक्टर, संतोष यादव, नीरज यादव, बुधराम उरांव, महेंद्र खरवार, सत्येंद्र पहड़िया, चरकू उरांव और उमेश खैरवार.
एक नजर में बकोरिया कांड
सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया गांव में आठ जून 2015 की रात कथित मुठभेड़ की बात कह कर पुलिस पर 12 लोगों को मार देने का आरोप लगा था. मामले की जांच के बाद सीआइडी ने झारखंड पुलिस और कोबरा बटालियन को क्लीन चिट दे दी थी.
22 पड़ रहा भारी
बकोरिया कांड में झारखंड पुलिस को 22 नंबर भारी पड़ रहा है. पूर्व में हाइकोर्ट ने 22 अक्तूबर 2018 को मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. इस बार सुप्रीम कोर्ट ने भी 22 फरवरी 2019 को राज्य सरकार के एसएलपी को खारिज कर दिया.