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रांची : परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के पांच माह बाद भी 39 हजार विद्यार्थियों को अंक का पता नहीं
सुनील कुमार झा रांची विश्वविद्यालय. अक्तूबर में जारी किया गया था स्नातक सेमेस्टर वन का रिजल्ट रांची : रांची विश्वविद्यालय में बिना पूरी तैयारी के स्नातक स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया गया. इसका खमियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय न तो समय पर परीक्षा ले पा रहा है, न ही समय […]
सुनील कुमार झा
रांची विश्वविद्यालय. अक्तूबर में जारी किया गया था स्नातक सेमेस्टर वन का रिजल्ट
रांची : रांची विश्वविद्यालय में बिना पूरी तैयारी के स्नातक स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया गया. इसका खमियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.
विश्वविद्यालय न तो समय पर परीक्षा ले पा रहा है, न ही समय से रिजल्ट जारी हो पा रहा है. रिजल्ट जारी होने के पांच माह बाद भी कॉलेजों को क्रॉस लिस्ट नहीं भेजी जा रही है. विद्यार्थी रिजल्ट निकलने के पांच माह बाद भी अंक जानने के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इससे विद्यार्थियों में आक्रोश है. विद्यार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय को बिना पूरी तैयारी के सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं करना चाहिए.
रांची विश्वविद्यालय में स्नातक सत्र 2017-20 के समेस्टर वन की परीक्षा वर्ष 2018 मार्च-अप्रैल में हुई. रिजल्ट अक्तूबर-नवंबर में जारी किया गया. रिजल्ट जारी होने के लगभग पांच माह बाद भी सभी कॉलेजों को क्रॉस लिस्ट नहीं भेजी जा सकी है. सेमेस्टर वन के लगभग 39 हजार विद्यार्थियों को अपने प्राप्तांक का इंतजार है. विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेज को अब तक मार्क्स शीट भी नहीं भेजी गयी है.
विश्वविद्यालय द्वारा जारी रिजल्ट से केवल विद्यार्थी को अपने पास व प्रमोटेड होने की जानकारी मिल रही है. बुधवार को संत पॉल कॉलेज के परीक्षार्थी प्राप्तांक की जानकारी के लिए विश्वविद्यालय मुख्यालय आये थे. परीक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति व परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात की.
दो साल में तैयार नहीं हो सका सॉफ्टवेयर : रांची विवि में सीबीसीएस सिस्टम लागू होने के बाद नये फॉरमेट के अनुरूप रिजल्ट जारी करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार नहीं हो सका है. विवि के इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रोसेसिंग सेल द्वारा तैयार कराये गये सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी के कारण फाइनल रिजल्ट तैयार नहीं हो पा रहा है.
विद्यार्थियों को मिलनेवाले ग्रेस अंक को लेकर मामला फंस रहा है. सॉफ्टवेयर में ग्रेेस अंक के बाद विद्यार्थियों के प्राप्तांक का सही डाटा नहीं आ पा रहा है. विवि द्वारा इसमें सुधार की प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी जल्द दूर कर ली जायेगी.
संशोधित हो सकता है रिजल्ट : सॉफ्टवेयर ठीक होने के बाद रिजल्ट में संशोधन हो सकता है. विद्यार्थियों के प्राप्तांक में बदलाव होने की संभावना है. इस कारण विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षार्थियों की मार्क्सशीट तैयार नहीं की गयी है.
पीजी के बाद स्नातक का भी लेट हो रहा सत्र
सेमेस्टर सिस्टम लागू होने से विश्वविद्यालय का सत्र लगातार लेट हो रहा है. स्नातकोत्तर के बाद अब स्नातक का शैक्षणिक सत्र भी लेट हो रहा है.
पीजी का सत्र लगभग एक साल लेट हो गया है. स्नातक में फिलहाल सत्र 2017-20 के एक सेमेस्टर का रिजल्ट जारी हुआ है. रिजल्ट जारी होने के बाद भी मामला फंसा हुआ है. सेमेस्टर दो का रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है. सॉफ्टवेयर के कारण समेस्टर टू का मामला भी लटक सकता है. सत्र समाप्त होने के लिए लगभग एक साल बचा हुआ है, समय पर सत्र पूरा करने के लिए विवि को बचे हुए एक साल में चार समेस्टर की परीक्षा व रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
कॉलेजों को क्रॉस लिस्ट भेजे जाने के मामले में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. इस मामले में एक सप्ताह के बाद कुछ बताया जा सकता है.
प्रो. कामिनी कुमार, प्रतिकुलपति रांची विवि
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