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झारखंड के निबंधित किसानों को मोबाइल फोन देगी सरकार, जानें कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में
रांची : कैबिनेट ने गुरुवार काे राज्य के किसानों को मोबाइल फोन देने का निर्णय लिया. हालांकि, यह स्मार्ट फोन या फीचर फाेन होगा, इस मुद्दे पर अभी अंतिम फैसला नहीं किया जा सका है. योजना का लाभ राज्य के कुल 28 लाख किसानों को मिलना है, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के दौरान योजना के […]
रांची : कैबिनेट ने गुरुवार काे राज्य के किसानों को मोबाइल फोन देने का निर्णय लिया. हालांकि, यह स्मार्ट फोन या फीचर फाेन होगा, इस मुद्दे पर अभी अंतिम फैसला नहीं किया जा सका है.
योजना का लाभ राज्य के कुल 28 लाख किसानों को मिलना है, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के दौरान योजना के इलेक्ट्रॉनिक एग्रीकल्चरल नेशनल मार्केट पोर्टल पर निबंधित किसानों को ही मोबाइल फोन दिये जायेंगे. पहले चरण में 21, 878 किसानों को मोबाइल फोन मिलेगा. इसके लिए 4.37 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी. इसके अलावा कैबिनेट ने गढ़वा जिले में पाइपलाइन के माध्यम से विभिन्न जलाशयों और जल निकायों में पानी उपलब्ध कराने का फैसला किया. इन जलाशयों से पेयजल उपलब्ध कराने की योजना स्वीकृत की. योजना की कुल लागत 1169.28 करोड़ है.
इससे 14240 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो पायेगी. साथ ही 3.28 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. पांच जनवरी को मेदिनीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना की आधारशिला रखेंगे.
270 किलाेमीटर पाइपलाइन
गढ़वा में पेयजल आैर सिंचाई योजना के तहत कुल 270 किमी की पाइपलाइन बिछायी जायेगी. आठ पंपिंग सेक्शन बनाये जायेंगे. सोन नदी से एक स्थान पर और कनहर से दो जगहों पर पानी उठाने का काम किया जायेगा. इस योजना का परिणाम देखने के बाद उसे पलामू समेत अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जा सकेगा. सोन नदी से 140 किमी लंबी पाइपलाइन बिछायी जायेगी. सोन से भवनाथपुर प्रखंड के गारीडीह ग्राम में पानी की लिफ्टिंग होगी. इससे गढ़वा, नगर ऊंटारी, मझियांव, भवनाथपुर, कांडी, केतार, खरौंदी, रमना, सगमा और बिशुनपुर प्रखंड लाभान्वित होंगे.
कनहर से छह प्रखंड होंगे लाभान्वित
कनहर नदी से दो खंडों में 20 किमी और 110 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाने का काम किया जायेगा. रंका प्रखंड के मुनरी ग्राम में और भंडरिया प्रखंड के उर्गा ग्राम में लिफ्टिंग होगी. इससे धुरकी, रामकंडा, रमना, चिनिया, डंडई और भंडरिया प्रखंड को लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री सुकन्या योजना को स्वीकृति
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की स्वीकृति दी. महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से 15 नवंबर 2011 को लागू किये गये मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना का समुचित लाभ समय पर नहीं मिलने की वजह से इसका स्वरूप बदला गया है. संशोधन करते हुए सुकन्या योजना लागू की गयी है. इस योजना का महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा पर जोर देना और बाल विवाह प्रथा का समाप्त करना है.
सुकन्या योजना के तहत सोशियो इकोनॉमिक कॉस्ट सेंसस 2011 (एसइसीसी) के तहत 27,46,106 परिवारों के अलावा 9,11,217 अंत्योदय कार्डधारी भी लाभुक हो सकेंगेे. पूर्व से चल रही लक्ष्मी लाडली योजना में जिनको 30 हजार रुपये का राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र मिल चुका है, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
लक्ष्मी लाडली योजना के शेष लाभांवितों को इसमें शामिल किया जायेगा. मुख्यमंत्री सुकन्या योजना में पांच-पांच हजार रुपये छह किस्तों में दिये जायेंगे. लड़की की उम्र 18 से 20 वर्ष होने पर उसे एकमुश्त 10 हजार रुपये दिये जायेंगे. योजना के तहत जन्म से दो वर्ष तक की उम्र में उसकी मां के खाते में पांच हजार रुपये दिये जायेंगे.
इसके बाद कक्षा एक में नामांकन के बाद, पांचवी पांच करने के बादे, आठवीं पास करने के बाद, 10वीं पास करने के बाद और 12वीं पास करने के बाद पांच-पांच हजार रुपये दिये जायेंगे. योजना का लाभ लेने के लिए शून्य से दो वर्ष तक की उम्र की बालिका की माता का नाम एसइसीसी में होना आवश्यक है. इसके अलावा बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, माता का आधार प्रमाण पत्र और माता का बैंक खाता आवश्यक है. कक्षा पांच से योजना का लाभ लेने के लिए बालिका के उत्तीर्णता प्रमाण पत्र, बालिका का बैंक खाता और आधार प्रमाण पत्र जरूरी होगा.
इस योजना का लाभ वैसे परिवारों को नहीं मिलेगा, जिनके पास मोटर चलित दो पहिया, तीन पहिया या चार पहिया वाले वाहन या कृषि उपकरण हो. मछली पकड़ने वाली नाव हो. 50 हजार या उससे अधिक मानक सीमा के किसान क्रेडिट कार्ड धारक हों. सरकारी सेवक हों. परिवार का कोई भी सदस्य 10 हजार रुपये या उससे अधिक कमाता हो.
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
– पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा में एनआरडीडब्लूपी के तहत 155.42 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत
– हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में नेत्रहीन, चलने-फिरने से मजबूर और मूक-बधिर सरकारी कर्मचारियों को परिवहन भत्ता देने का फैसला
– पदों व सेवाओं में आरक्षण संशोधन विधेयक 2018 की घटनोत्तर स्वीकृति
– विधानसभा के शीतकालीन सत्र के सत्रावसान पर सहमति
गढ़वा में पाइपलाइन से सिंचाई और पेयजलापूर्ति की सुविधा, 270 िकमी पाइपलाइन बिछायी जायेगी
पाइपलाइन बिछाने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं
पाइपलाइन बिछाने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जायेगा. जमीन के नीचे से पाइपलाइन बिछायी जायेगी. जिस रैयत की जमीन के नीचे से पाइप गुजरेगी, उसे मुआवजा दिया जायेगा. मुआवजे की राशि अधिग्रहण के मुआवजे का 10 प्रतिशत होगा. जमीन का मालिकाना हक भी संबंधित व्यक्ति के पास ही रहेगा. जमीन मालिक उस पर खेती कर सकेंगे. पाइप गुजरने वाले हिस्सा पर किसी तरह के निर्माण की पाबंदी रहेगी.
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