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चान्हो : ग्रामीण हुए गोलबंद, बीजूपाड़ा-बरहे पथ से नहीं हटाया जा सका अतिक्रमण

चान्हो : बीजूपाड़ा-बरहे पथ में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने का कार्य शुक्रवार को पूरा नहीं हो पाया. सड़क किनारे मौजूद आदिवासी व तुरी मसना की चहारदीवारी को हटाने के लिए पूर्व में प्रशासन द्वारा दिये गये आश्वासन को पूरा करने के लिए 10 दिसंबर को पुनः प्रशासन, ग्रामीण व सड़क के ठेकेदार की बैठक […]

चान्हो : बीजूपाड़ा-बरहे पथ में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने का कार्य शुक्रवार को पूरा नहीं हो पाया. सड़क किनारे मौजूद आदिवासी व तुरी मसना की चहारदीवारी को हटाने के लिए पूर्व में प्रशासन द्वारा दिये गये आश्वासन को पूरा करने के लिए 10 दिसंबर को पुनः प्रशासन, ग्रामीण व सड़क के ठेकेदार की बैठक होगी.
उसके बाद अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जायेगा. इससे पहले सीओ प्रवीण कुमार सिंह अपराह्न करीब दो बजे पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे.
प्रशासन की मौजूदगी में कुछ लोगों ने स्वतः अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया था, लेकिन सड़क किनारे अतिक्रमण की जद में आये आदिवासी व तुरी मसना की चहारदीवारी नहीं हटाने को लेकर ग्रामीण गोलबंद हो गये.
बताया जा रहा है कि यहां की चहारदीवारी हटाने को लेकर एक अक्तूबर को सीओ, ग्रामीणों व सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार के प्रतिनिधि की बैठक हुई थी. जिसमें मसना की चहारदीवारी तोड़कर नाली निर्माण के लिए तीन फीट जमीन लेने व नाली निर्माण के बाद उसपर पुनः बाउंड्री बनाने का निर्णय लिया गया था.
सीओ ने ग्रामीणों को टांगर गांव की सीमा के अंदर मसना के लिए 30 से 50 डिसमिल जमीन जीएम लैंड उपलब्ध कराने की बात कही थी. लेकिन शुक्रवार को जब अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया तो प्रशासन इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा था. और यह भी संदेश दे रहा था कि आज ही यहां मसना की भी चहारदीवारी हटा जी जायेगी. इसी को लेकर ग्रामीण गोलबंद हो गये. मामले की जानकारी मिलने पर विधायक गंगोत्री कुजूर व पूर्व विधायक देवकुमार धान भी पहुंचे.
सीओ से मामले की जानकारी ली. पूर्व की बैठक में ग्रामीणों को दिये गये आश्वासन पूरा किये बगैर चहारदीवारी तोड़ने के प्रयास को लेकर नाराजगी जतायी. इस पर सीओ ने बताया कि बैठक में ठेकेदार के प्रतिनिधि ने मसना की चहारदीवारी के निर्माण का खर्च उठाने की बात कही थी. लेकिन वह अब यहां निर्माण के लिए सिर्फ 50 बैग सीमेंट व बालू देने की बात ही कह रहा है.
इस पर गंगोत्री कुजूर ने ठेकेदार से बात की और उसे वार्ता के लिए 10 दिसंबर की सुबह टांगर गांव आने का निर्देश दिया. साथ ही सीओ को निर्देश दिया कि वे सोमवार को वार्ता होने तक मसना की चहारदीवारी को हटाने का कार्य स्थगित रखें. इस दौरान जिला 20 सूत्री सदस्य सफीक अंसारी ने प्रशासन पर अतिक्रमण हटाने में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया.

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