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रांची : गड़बड़ी रोकने के लिए नयी गाइड लाइन बनेगी, तय होगी जिम्मेदारी
रांची : नये हाइकोर्ट भवन की लागत दोगुना से ज्यादा बढ़ जाने के बाद से सरकार सतर्क हो गयी है. आला अधिकारियों को अंदेशा है कि यह स्थिति अन्य योजनाअों में भी हुई है. ऐसे में योजनाअों की लागत बढ़ाने के लिए नयी गाइड लाइन तैयार करने का सुझाव दिया गया है. तय प्रावधान का […]
रांची : नये हाइकोर्ट भवन की लागत दोगुना से ज्यादा बढ़ जाने के बाद से सरकार सतर्क हो गयी है. आला अधिकारियों को अंदेशा है कि यह स्थिति अन्य योजनाअों में भी हुई है. ऐसे में योजनाअों की लागत बढ़ाने के लिए नयी गाइड लाइन तैयार करने का सुझाव दिया गया है. तय प्रावधान का उल्लंघन करनेवाले सीधे तौर पर चिह्नित होंगे और कार्रवाई होगी.
ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि लागत बढ़ने पर एक-एक आइटम की पूरी जानकारी देनी होगी और सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन कराना होगा. विभागीय सचिव इसे गंभीरता से देखेंगे. यानी जिन मदों व भुगतान में विभागीय सचिव संतुष्ट न हों, वैसे मामले में वे विभाग के बाहर के इंजीनियरों की कमेटी से स्पष्ट रिपोर्ट लेंगे. समिति के गठन करने में पथ निर्माण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व एक भवन विभाग के इंजीनियर को शामिल किया जायेगा. समिति में ऐसे इंजीनियर होंगे, जिनका परियोजना से कोई संबंध न हो.
सक्षम प्राधिकार से लेना होगा अनुमोदन
विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने नयी गाइड लाइन के लिए यह सुझाव दिया है कि एकरारनामा से भिन्न मदों या विशिष्टियों में परिवर्तन के कारण जो भुगतान किये जायें, उसके मामले में सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन लेना होगा. यह भी सुझाव दिया गया है कि पथ निर्माण विभाग व मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (निगरानी परीक्षण कोषांग) द्वारा इससे संबंधित पत्र निर्गत कर सभी कार्य विभागों को बतायें कि इस व्यवस्था का पालन हो, जिसमें किसी भी मद में मात्रा से अधिक बढ़ोतरी, विशिष्टियों के परिवर्तन या नये मदों के बारे में अभियंताअों की शक्तियां क्या हैं.
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