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रांची : पहाड़ी मंदिर बचाने के लिए राज्यपाल से लगायी गुहार

राष्ट्रीय युवा शक्ति के बैनर तले रांचीवासियों ने निकाला आक्रोश मार्च रांची : राष्ट्रीय युवा शक्ति, झारखंड के अध्यक्ष उत्तम यादव के नेतृत्व में रविवार को पहाड़ी मंदिर बचाने को लेकर पहाड़ी मंदिर से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला गया. इसमें बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए. साथ ही मिसेज एशिया रिंकू भगत भी शामिल […]

राष्ट्रीय युवा शक्ति के बैनर तले रांचीवासियों ने निकाला आक्रोश मार्च
रांची : राष्ट्रीय युवा शक्ति, झारखंड के अध्यक्ष उत्तम यादव के नेतृत्व में रविवार को पहाड़ी मंदिर बचाने को लेकर पहाड़ी मंदिर से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला गया. इसमें बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए. साथ ही मिसेज एशिया रिंकू भगत भी शामिल हुईं. राजभवन पहुंचने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें रांची पहाड़ी और पहाड़ी मंदिर को बचाने की मांग की गयी.
इससे पहले सुबह 10:30 बजे राष्ट्रीय युवा शक्ति के सदस्य और रांचीवासी पहाड़ी मंदिर के समीप एकत्र हुए. यहां से 11:40 बजे आक्रोश मार्च राजभवन के लिए रवाना हुआ. पहाड़ी मंदिर से निकल कर आक्रोश मार्च बानो मंजिल रोड, रातू रोड दुर्गा मंदिर, न्यू मार्केट चौक, किशोरी यादव चौक, नागाबाबा खटाल, जाकिर हुसैन पार्क होते हुए राजभवन के समीप पहुंचा.
…तो सामूहिक रूप से फांसी पर लटकेंगे : राजभवन के समक्ष सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय युवा शक्ति, झारखंड के अध्यक्ष उत्तम यादव ने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों से पहाड़ी मंदिर को बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है.
वर्ष 2016 में हमने पहाड़ी मंदिर के मुख्य द्वार पर पांच दिनों का अनशन किया था. वर्ष 2018 में दो दिनों का अनशन किया गया. बार-बार आंदोलन करने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो हमने मजबूरन राज्यपाल का दरवाजा खटखटाने के लिए आक्रोश मार्च निकाला है. अगर यहां से भी न्याय नहीं मिलता है, तो रांची बंद बुलाया जायेगा. उसके बाद भीसुनवाई नहीं हुई, तो पहाड़ी मंदिर के फांसी टुंगरी पर हम सामूहिक रूप से फांसी पर लटकेंगे.
राज्यपाल से की गयी मांग
रांची पहाड़ी और बाबा मंदिर के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक विशेष टीम बनायी जाये, जिसमें पर्यावरणविद व भूगर्भशास्त्री अवश्य हों. इस टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही पहाड़ी पर किसी प्रकार का निर्माण या पौधरोपण किया जाये.
तत्कालीन राज्य सरकार 17 लाख रुपये खर्च कर बीआइटी मेसरा से मास्टर प्लान बनवाया था, इसके बावजूद स्ट्रक्चरल डिजाइन के नाम पर विशाल शर्मा के फर्म को 29 लाख रुपये दिये गये. इसमें क्या मंशा थी, इसकी जांच करायी जाये.
श्रद्धालुओं द्वारा दान में दिये गये लाखों रुपये के नोट सड़-गल गयें. आखिर दान पेटी के अंदर पानी कैसे गया? इसमें किसकी लापरवाही है, इसकी भी जांच करायी जाये. नव निर्माण के नाम पर जो व्यापारीकरण हुआ है, उसकी न्यायिक जांच हो.
वर्ष 2014 से लेकर अब तक के पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच हो़ पहाड़ी मंदिर के आय-व्यय का ऑडिट किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट से कराने के बजाय महालेखाकार से करायी जाये. साथ ही यहां के बैंक खाते को ऑनलाइन किया जाये़
पहाड़ी मंदिर परिसर में एक मात्र शौचालय को बंद करके कमेटी के लोगों के लिए वातानुकूलित कमरा बना दिया गया, कम से कम दो शौचालय का निर्माण हो. पहाड़ी के ऊपर श्रद्धालुओं के लिए जल संग्रह की व्यवस्था की जाये़
मुख्य मंदिर के पास पर्यटन विभाग व सांसद के फंड से हॉल बना था. उसे किसके आदेश पर और क्यों तोड़ा गया इसकी जांच हो. साथ ही यहां हाल का पुनर्निर्माण किया जाये, ताकि उसकी छत से श्रद्धालु पूरी रांची के सौंदर्य को देख सकें.
देश के सबसे बड़े राष्ट्रध्वज को फहराने तथा जीर्णोद्धार के नाम पर जो धन इकट्ठा हुआ है, उसका ब्योरा सार्वजनिक किया जाये. साथ ही फ्लैग पोस्ट को पहाड़ी से हटाकर किसी दूसरे स्थान जैसे- मोरहाबादी में शिफ्ट किया जाये.
राजेश साहू उर्फ राजू, दिलीप गुप्ता, राकेश कर्ण, रवि कुमार, वीरेंद्र गोप, अभिषेक बंटी यादव, नितिन घोष, जेपी यादव, अशोक श्रीवास्तव, कृष्णा यादव, अजीत गुप्ता, संजय राय, रवि यादव, रंजीत गोप, बादल सिंह, अनुरागिनी कुमारी, सुधा नायक, गौरीशंकर प्रसाद, पिंटू लाल, विजय रंजन, सूरज वर्मा, मोनू विश्कर्मा, रंजीत विहार, गुलशन सिंह, चंदन मिश्रा, नंदकिशोर सिंह चंदेल, सावन उरांव, रिक्की यादव, गुड्ड तिर्की, कन्हैया महतो, विनय सिंह, कमल सिंह, अमित यादव, धीरज कुमार, निरंजन भगत, रंजन माथुर, रोशन कुमार, अभिषेक झा, नितेश यादव, नितेश वर्मा, निरज सोनी, मुन्ना सोनी, महावीर राम, सत्येंद्र सिंह, गुड्ड यादव, गुड्डू साहू, बबलू ठाकुर, राजू साव, मनीष गोप, गोविंदा पासवान, रंजीत कुमार.
मुख्य मंदिर की दुर्दशा को सुधारा जाये तथा इस एेतिहासिक मंदिर को संरक्षित किया जाये. पहाड़ी के चारों ओर गार्डवाल का भी निर्माण कराया जाये़
बचायें पहाड़ी मंदिर
और बोझ न डाला जाये पहाड़ी पर
मैं विगत 40 वर्षों से पहाड़ी बाबा के मंदिर में जा रहा हूं. पहाड़ी की मौजूदा स्थिति को देखकर आज जितनी निराशा होती है, उतनी पहले कभी नहीं हुई.
मैं सरकार और जिला प्रशासन से गुजारिश करना चाहूंगा कि रांची पहाड़ी पर अब और बोझ न डाला जाये. क्योंकि, अब यहां किसी भी तरह की संरचना खड़ा करना काफी मुश्किल है. समिति छोटी बनायी जाये और उसमें ऐसे लोगों को शामिल किया जाये, जिन्हें बाबा पर आस्था हो. काम करनेवालों को समिति में शामिल करें. पहाड़ी व बाबा का मंदिर कैसे दुरुस्त हो इसकी चिंता हो, आम सहभागिता की मदद से पहाड़ी पर काम हो. बाबा का मंदिर कैसे बनाया गया है, यह हमने देखा है.
आज उस बाबा के मंदिर का हाल देख कर काफी दुख होता है. यहां नाम नहीं काम करने वालों की जरूरत है. रांची के लिए बाबा का मंदिर एक वरदान है. हमें बचाना है. पहाड़ी के चारों ओर हरियाली करने की जरूरत है. चारों ओर हरशृंगार का पौधा लगाया जाये, ताकि हरियाली बनी रहे. पहाड़ी बाबा के मंदिर तक जानेवाली सीढ़ियों को भी दुरुस्त करें ताकि, भक्तों को आने-जाने में परेशानी न हो.

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