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रांची : तीन माह से वेतन नहीं मिला धरने पर बैठे होमगार्ड के जवान
रांची : जुलाई 2018 से वेतन नहीं मिलने के विरोध में शनिवार को होमगार्ड के जवान नगर आयुक्त के कक्ष के बाहर धरने पर बैठे गये. जवानों का कहना था कि तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में घर-परिवार कैसे चलेगा. त्योहार में बच्चे मेला खर्च व नये कपड़े की मांग करेंगे, तो […]
रांची : जुलाई 2018 से वेतन नहीं मिलने के विरोध में शनिवार को होमगार्ड के जवान नगर आयुक्त के कक्ष के बाहर धरने पर बैठे गये. जवानों का कहना था कि तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में घर-परिवार कैसे चलेगा. त्योहार में बच्चे मेला खर्च व नये कपड़े की मांग करेंगे, तो कहां से उनकी मांग पूरी करेंगे. जवानों के धरने पर बैठने की सूचना पाकर उप नगर आयुक्त मौके पर पहुंचे. उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि जितनी जल्दी धरने से उठें, नहीं तो सभी पर कार्रवाई की जायेगी.
ऐसी नौकरी करने का मतलब क्या है : इस पर जवानों ने कहा कि अगर सही समय पर वेतन ही नहीं मिलेगा, तो ऐसी नौकरी करने का मतलब क्या है.
इस पर उप नगर आयुक्त ने पांच जवानों को अपने कक्ष में बुलाकर जल्द वेतन दिये जाने का आश्वासन दिया. जवानों ने बताया कि इससे पहले अप्रैल में तत्कालीन नगर आयुक्त : शांतनु अग्रहरि से मुलाकात कर वेतन नहीं मिलने की बात कही गयी थी. उस वक्त भी नवंबर माह से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा था. दो माह वेतन मिलने के बाद फिर जुलाई से उनका वेतन रोक दिया गया है. जवानों ने बताया कि निगम में करीब 96 होमगार्ड निरंतर कार्य कर रहे हैं.
वे धावाबल के साथ स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े काम, इंफोर्समेंट टीम के साथ अतिक्रमण हटाओ अभियान सहित शहर में बने पार्किग स्थलों से राजस्व वसूली का कार्य करते हैं. इन कार्यों के लिए उन्हें केवल 12 हजार रुपये दिये जाते हैं. पीएफ की सुविधा नहीं है.
वहीं, वेतन मिलने की समय-सीमा भी निर्धारित नहीं है. इस पर निगम के अधिकारियों का कहना था कि होमगार्ड को देरी से वेतन मिलने का कारण निगम नहीं बल्कि उनका खुद का डिपार्टमेंट हैं.
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