रांची : राजधानी रांची समेत राज्य के आठ जिलों में शुक्रवार को 10 घंटे तक ब्लैक आउट रहा. रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार, गढ़वा और पलामू में सुबह 8:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद रही.
इस दौरान लोग गर्मी और उमस से परेशान रहे. लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिला. पानी की सप्लाई नहीं हुई. घरों में भी मोटर नहीं चलने से पानी का संकट आ गया. निजी अस्पताल, शॉपिंग मॉल से लेकर तमाम बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों में जेनरेटर के सहारे काम हुआ.
बिजली का यह संकट लाइन में आयी खराबी के कारण उत्पन्न हुआ. बताया जाता है कि सुबह करीब 8:30 बजे पीजीसीआइएल के नामकुम ग्रिड से हटिया-2 ग्रिड तक 220 केवी लाइन में फॉल्ट आ गया. इस कारण हटिया-2 ग्रिड को 350 मेगावाट बिजली मिलनी बंद हो गयी. हटिया-2 ग्रिड से ही रांची के बड़े हिस्सों के अलावा खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार, गढ़वा और पलामू में बिजली आपूर्ति की जाती है.5:30 बजे मरम्मत कार्य पूरा : हटिया-2 ग्रिड से बिजली बंद होते ही कांके ग्रिड से भी विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी.
हटिया ग्रिड और कांके ग्रिड से जुड़े शहर के 90 फीसदी इलाकों को बिजली मिलनी बंद हो गयी. केवल विधानसभा, सीएम आवास, राजभवन, रिम्स, रेलवे, एचइसी, कोकर इंडस्ट्रियल एरिया, पीएचइडी और नामकुम ग्रिड से जुड़े कुछ इलाकों में ही आपूर्ति सामान्य थी. दिन के करीब 2:30 बजे पीजीसीआइएल लाइन के सर्किट को ठीक किया गया.
पर लाइन होल्ड नहीं कर पाया. इसके बाद पता चला कि हटिया से 11 केवी लाइन और 220 केवी लाइन में पर्याप्त दूरी न होने से यह समस्या आ रही थी. आनन-फानन में इसे ठीक किया गया. शाम 5:30 बजे मरम्मत कार्य पूरा हो पाया. इसके बाद शाम करीब 6:30 बजे बिजली सामान्य हो सकी.
पीजीसीआइ नामकुम ग्रिड से हटिया-2 ग्रिड की लाइन में आयी खराबी
लापरवाही ठेकेदार की, भुगतना पड़ा आठ जिलों के लाखों लोगों को
हटिया ग्रिड से दो किमी दूर रिंग रोड के समीप बने नये टोले में विद्युतीकरण के लिए 11 केवी की लाइन खींची गयी थी. इस लाइन और पीजीसीआइएल की 220 केवी लाइन के बीच गैप कम था. सामान्य तौर पर चार मीटर का गैप होना चाहिए.
पर इससे कम गैप होने के कारण दोनों लाइन में स्पार्क होने लगा और लाइन ब्रेकडाउन हो गया. देर शाम कारण पता चलने के बाद 11 केवी की लाइन को हटाया गया. एक अभियंता ने बताया, ठेकेदार ने सामान्य सी बातों को ध्यान में नहीं रखा. इसके कारण इतनी बड़ी समस्या पैदा हुई. झारखंड बिजली वितरण निगम ने एचइसी के सहायक अभियंता से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.
उत्पादन की स्थिति
टीवीएनएल : 154 मेगावाट
सीपीपी : 29 मेगावाट
इनलैंड पावर : 0
कुल जेयूवीएनएल : 183 मेगावाट
सेंट्रल पुल : 595 मेगावाट
अाधुनिक पावर ू : 186 मेगावाट
एसइआर : 46 मेगावाट
कुल उपलब्धता : 1010 मेगावाट
नोट: बिजली उपलब्ध थी, पर लाइन में खराबी के कारण बिजली नहीं मिल पा रही थी.
क्या कहते हैं एमडी
नामकुम पीजीसीआइएल ग्रिड और हटिया-2 ग्रिड की लाइन में तकनीकी खामी की वजह से बिजली की समस्या उत्पन्न हुई. पीजीसीआइएल के ब्रेकर में खराबी थी. एक जगह पर 11 केवी लाइन और 220 केवी लाइन आपस में सट रही थी.
फिलहाल इसे ठीक कर लिया गया है. सभी जगह बिजली बहाल कर दी गयी है. पर ऐसी समस्या अक्सर हो सकती है. इसके लिए रांची में वैकल्पिक ग्रिड बनना आवश्यक है.
कई जगहों मांडर, बेड़ो, ओरमांझी, सिल्ली, अनगड़ा और सरवल में ग्रिड बन रहे हैं. ग्रिड बन जाने पर कहीं भी समस्या होगी, तो तत्काल दूसरे ग्रिड से आपूर्ति की जा सकेगी. हटिया-2 लाइन से ही रांची के बड़े हिस्सों में और अन्य जिलों में बिजली दी जाती है.
– राहुल पुरवार, एमडी, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड