पाकुड़: स्वामी अग्निवेश हमले के बाद मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे. रांची पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि मैं गौमांस का समर्थक नहीं हूं. मैं किसी भी तरह के मांस का समर्थक नहीं हूं. यह एकजुट होने का वक्त है. मैं अंधविश्वास के खिलाफ हूं. आगे स्वामी ने कहा कि मैं चाहता हूं देश मजबूत बनें. हिंदू-मुसलमान में भेदभाव नहीं होना चाहिए. मैं हमले में बच गया हूं.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना होती है. बड़े नेताओं को कुछ नहीं होता है. यहां स्वामी से पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने मुलाकात की. मुलाकात के बाद मरांडी ने कहा कि अबतक एक अपराधी भी नहीं पकड़ा गया जिन्हें पकड़ा उन्हें भी छोड़ दिया. यह तो गुंडागर्दी है. कल ही उनकी गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी. इससे पता चलता है कि यह सरकार की तरफ से प्रायोजित है.
सुबोध कांत सहाय ने कहा कि झारखंड में सुनियोजित तरीके से घटनाएं हो रहा है जिसे भाजपा के आपराधिक प्रवृति के लोग अंजाम दे रहे हैं. इसके लिए पीएम मोदी को मांफी मांगनी चाहिए. देश के सभी संगठन साथ आये और ऐसी घटनाओं का विरोध करें. वहीं कांग्रेस नेता आलमगीर ने कहा कि घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. सूबे में लॉ एंड आर्डर की बड़ी समस्या है. इसलिए ऐसी घटनाएं हो रहीं हैं. स्वामी के मामले में जिन्हें पकड़ा गया वह लोग किस संगठन से है जांच हो. सीएम ने मामले के जांच के आदेश दिए है. किसी जज की अध्यक्षता में मामले की जांच होनी चाहिए.
जानकारी के अनुसार स्वामी आज ही रांची से दिल्ली के लिए रवाना हो जायेंगे. राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो पायेगी.
गौर हो कि भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पाकुड़ पहुंचे स्वामी अग्निवेश की पिटाई कर दी. स्वामी अग्निवेश के साथ न सिर्फ मारपीट की गयी, बल्कि उन्हें जूते-चप्पल, लात-घूसों से मारा गया. उनके ऊपर मिट्टी व पानी फेंका गया. उनके कपड़े तक फाड़ दिये गये. उनकी पगड़ी फेंक दी गयी.
स्वामी अग्निवेश की पिटाई को लेकर राहुल ने साधा भाजपा पर निशाना
इस घटना में उनके सहयोगी व बिहार के आर्य समाज के प्रमुख मनोहर मानव को भी चोटें आयी हैं. मनोहर मानव का सिर फट गया है. दोनों लोगों को काफी मशक्कत के बाद होटल के अंदर ले जाया गया. होटल का दरवाजा अंदर से बंद कर देने के बाद आक्रोशित भाजयुमो कार्यकर्ता होटल के सामने सड़क पर बैठ कर स्वामी का विरोध जताते रहे. इससे सड़क के दोनों तरफ जाम लग गया. कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश वापस जाओ, स्वामी अग्निवेश होश में आओ, लिट्टीपाड़ा नहीं जाने देंगे, पहाड़िया समाज को नहीं बरगलाने देंगे… जैसे नारे लगाते रहे. हालांकि बाद में मेडिकल टीम होटल पहुंची और स्वामी अग्निवेश का इलाज किया. उनके पैर और पीठ में ज्यादा चोट लगी है. उनके सहयोगी का भी इलाज किया गया.