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विधायक खरीद-फरोख्त मामला : बोले बाबूलाल मरांडी, सरकार उनकी, जांच वही करें, रवींद्र ने कहा, लिखावट की नकल की गयी

सरकार उनकी है जांच भी वही करें रांची : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार है. झारखंड में भी उनकी ही सरकार है. इसके बावजूद विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले की जांच कराने हमें कह रहे हैं. रवींद्र राय पत्र की सत्यता साबित करने को कह रहे हैं. सरकार […]

सरकार उनकी है जांच भी वही करें
रांची : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार है. झारखंड में भी उनकी ही सरकार है. इसके बावजूद विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले की जांच कराने हमें कह रहे हैं. रवींद्र राय पत्र की सत्यता साबित करने को कह रहे हैं.
सरकार में वह बैठे हैं, इसकी सत्यता की जांच उनको करानी है. इसी काम के लिए तो हम राज्यपाल के पास गये थे. बाबूलाल रविवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा : पत्र हाथ से लिखा हुआ है.
इसकी जांच हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से करा लें. भाजपा के पदाधिकारियों की हैंडराइटिंग की जांच करा लें. इससे पता चल जायेगा कि किसने पत्र लिखा है. हम तो जनता के साथ मिल कर लड़ाई लड़नेवाले हैं. अगर उनको लग रहा है कि झाविमो के लोगों ने पत्र लिखा है, तो हमारे पदाधिकारियों की भी हैंडराइटिंग की जांच करा लें.
बाबूलाल ने कहा : हम लोगों ने राज्यपाल से मांग की थी कि इस खरीद-फरोख्त में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. छह विधायकों की सदस्यता समाप्त की जाये. इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित करें. इस कारोबार में मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. इस कारण उन्हें हटायें. पूरे मामले की जांच सीबीआइ से करायें.
लिखावट व साइन की नकल की गयी : रवींद्र राय
रांची : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह कोडरमा सांसद रवींद्र राय ने कहा है कि झाविमो के नेता खास कर प्रदीप यादव कह रहे हैं कि मेरे हस्ताक्षर के नमूने उनके पास हैं. प्रदीप यादव ने यह भी कहा है कि हम लोग हस्ताक्षर को भलीभांति पहचानते है़ं प्रदीप यादव की बात से स्पष्ट है कि पत्र की लिखावट से लेकर हस्ताक्षर तक के सारे षड्यंत्र में झाविमो के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. हस्ताक्षर के नमूने रख कर उन्होंने नकल का प्रयास किया है. उसका दुरुपयोग कर पत्र बनाये गये हैं. झाविमो को स्पष्ट करना चाहिए कि पत्र में लिखावट किसकी है.
जेवीएम के वरिष्ठ नेता व उनका कार्यालय साजिश में शािमल
रवींद्र राय ने कहा : पूर्व में हमारे साथ भाजपा में काम करते हुए प्रदीप यादव के पास हस्ताक्षर युक्त जो पत्र होगा, उसी का दुरुपयोग चिट्ठी बनाने में किया गया है. षड्यंत्रकारी कोई षड्यंत्र करता है, तो कोई न कोई साक्ष्य छोड़ जाता है़ अपराध के अनुसंधान का यह मान्य सिद्धांत है. जाली पत्र के हस्ताक्षर के नमूने की बात जिस तरह से की गयी है, इससे स्पष्ट है कि पूरेमामले में जेवीएम के वरिष्ठ नेता और उनका कार्यालय शामिल है. झाविमो नेता इस मुद्दे पर आगे बयान देते रहे,तो खुद ब खुद सच्चाई सामने आ जायेगी़

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