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कृषि मंत्री से मिले बीएयू वीसी कर्मचारियों की मांगें रखीं
रांची : बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ पी कौशल ने कृषि मंत्री रणधीर सिंह से मिल कर उन्हें कर्मचारियों की मांगों से अवगत कराया. मंत्री ने कुलपति से कर्मचारियों की सभी मांगों को विस्तारपूर्वक सुना व शीघ्र ही इस दिशा में विभागीय स्तर से कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस बीच कर्मचारियों को सातवें वेतनमान […]
रांची : बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ पी कौशल ने कृषि मंत्री रणधीर सिंह से मिल कर उन्हें कर्मचारियों की मांगों से अवगत कराया. मंत्री ने कुलपति से कर्मचारियों की सभी मांगों को विस्तारपूर्वक सुना व शीघ्र ही इस दिशा में विभागीय स्तर से कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस बीच कर्मचारियों को सातवें वेतनमान देने के संबंध में विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके तहत प्रशासी कृषि विभाग ने बुधवार को बीएयू प्रशासन को एक पत्र भेजा है.
इस पत्र में विवि को योजना सह वित्त विभाग (वित्त प्रभाग) के परामर्श के अनुसार पुनरीक्षण वेतनमान स्वीकृत करने के लिए तीन बिंदु पर वांछित प्रतिवेदन भेजने को कहा गया है. इसमें वित्त विभाग के निर्देशानुसार पदवार, वेतनमानवार और ग्रेड पे का उल्लेख करते हुए पदाधिकारियों/ कर्मियों एवं पेंशनर्स का राज्य कर्मियों के अनुरूप वेतन पुनरीक्षण लाभ का प्रतिवेदन देना है.
इसके अलावा छठे वेतन पुनरीक्षण के आधार पर विभिन्न पदों के लिए स्वीकृत वेतनमान के आधार पर निर्धारित वेतन की जांच/सत्यापन के बाद सातवें वेतन पुनरीक्षण वेतनमान लाभ का प्रतिवेदन और पदाधिकारियों/कर्मियों एवं पेंशनर्स के पदों के सृजन पर राज्य सरकार की विधिवत स्वीकृति की स्थिति तथा नियुक्ति की वैधता से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.
पत्र प्राप्त होते ही कुलपति ने संबंधित विभाग को सभी जानकारी कृषि विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से इस कार्य में विलंब हो सकता है. कुलपति ने कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील की है.
रांची : बिरसा कृषि विवि में एक बार फिर विवि प्रशासन व कर्मचारी संघ के बीच वार्ता विफल हो गयी है. कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अबू सईद व महामंत्री मेघनाथ महतो ने कहा कि विवि प्रशासन जानबूझ कर कर्मचारियों को परेशान रहा है. वार्ता के लिए बुला कर पुरानी बात ही दोहराते हैं. इधर, विवि प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि 17 मई 2018 तक कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसमें सर्विस ब्रेक भी शामिल है. कर्मचारियों ने 13वें दिन बुधवार को भी हड़ताल जारी रखी और धरना दिया.
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